सरकार से आश्वासन मिलने पर कुरुक्षेत्र में आंदोलन ख़त्म

सरकार से आश्वासन मिलने पर कुरुक्षेत्र में आंदोलन ख़त्म

हरियाणा: कुरुक्षेत्र में सूरजमुखी के बीज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी किसान और सरकार के बीच समझौता हो गया है। सरकार से आश्वासन मिलने के बाद कुरुक्षेत्र में पिपली के पास नैशनल हाइवे 44 पर चक्का जाम हटाने की घोषणा की गई। सरकार की ओर से मांग मानने के बाद किसानों ने आतिशबाजी कर जश्न मनाया।

राकेश टिकैत ने कहा, ‘आंदोलन समाप्त हुआ है आज रास्ते खोल दिए जाएंगे। हम इसलिए विरोध कर रहे थे कि हमारी फसल एमएसपी पर खरीदी जाए। हम आगे भी एमएसपी पर लड़ाई पूरे देश में करेंगे। भारत सरकार की एमएसपी को लेकर जो दर है वह देना होगा।

सरकार व किसानों के बीच समझौता होने की बात कड़ी मशक्कत के बाद ही सिरे चढ़ पाई। आंदोलन के दूसरे दिन सरकार ने किसानों की मांगें चौथे दौर की वार्ता में मानी। इससे पहले तीन दौर की वार्ताएं विफल रही। अब किसानों में अपनी जीत की खुशी है, जिसके लिए मांगें पूरी होने की घोषणा होते ही जमकर आतिशबाजी भी की गई।

बता दें कि किसान पिछले माह से ही सूरजमुखी खरीद को लेकर सड़कों पर है। पहले खरीद जल्द शुरू करने को लेकर तो फिर एमएसपी पर खरीद करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया, जिसके चलते ही छह जून को शाहाबाद में नेशनल हाईवे सात घंटे तक जाम किया था। पुलिस हाईवे जाम कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया था तो वहीं भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी व आठ अन्य नेताओं को गिरफ्तार भी कर लिया था।

भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी वासी चढूनी जाटान, प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस वासी माजरी मोहल्ला शाहाबाद, जसबीर सिंह मामूमाजरा, प्रिंस वड़ैच लोहार माजरा, जरनैल सिंह वासी रायमाजरा, जयराम वासी हमीदपुर, गुलाब सिंह वासी साहा जिला अंबाला, पंकज वासी हबाना व सुरजीत सिंह वासी कसेरला खुर्द जिला अंबाला। इन सभी नेताओं को आज बुधवार को रिहा किए जाने पर सरकार के साथ समझौता हुआ है।

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