भारत में आज चांंद की पुष्टि नहीं, इतवार से शुरू होगा रमजान का पाक महीना
रमजान 2025 का चाँद शुक्रवार 28 फरवरी को नज़र नहीं आया, इसलिए रमजान का पहला रोजा अब इतवार को रखा जाएगा। लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया और मरकज़ी चाँद कमेटी ने किया एलान ने संयुक्त प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि आज रमज़ान का चांद नहीं देखा गया।
रमजान का महीना इस्लाम के सबसे पवित्र महीनों में से एक है। मुसलमान, साल भर रमजान का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जैसे-जैसे दिन खत्म होता है, सभी की निगाहें आसमान पर टिकी होती हैं क्योंकि आधे चांद के दिखने के साथ ही इस पवित्र महीने की शुरुआत हो जाएगी और रोजा (उपवास) शुरू हो जाएगा। हालांकि भारत में अभी चांद नजर नहीं आया है ऐसे में 2 मार्च से रमजान के पाक महीने की शुरुआत होगी।
इससे पहले उन्होंने रमजानुल मुबारक को लेकर एडवाइजरी जारी की थी। एडवाइजरी में कहा गया है कि सेहरी करना सुन्नत है लेकिन सेहरी के वक्त बार-बार ऐलान न किया जाए और न ही किसी प्रकार का शोर किया जाए जिससे पड़ोसियों और मोहल्ले वालों को कोई तकलीफ हो।
इसके अलावा यह भी कहा गया है कि इस्लाम ने सफाई का विशेष ख्याल रखा है, इसलिए मस्जिदों के पास और मोहल्लों में सफाई का विशेष ख्याल रखें। इस मुबारक माह में खुदा पाक रोजेदारों की दुआएं कुबूल करता है। इफ्तार और सेहरी के वक्त अपने और अपने घर वालों के साथ-साथ देश तथा मिल्लत की उन्नति, प्रगति, अमन और शांति तथा हिफाजत के लिए दुआएं जरूर करें।
रमजानुल मुबारक में पूरे महीने रोजा रखना हर आकिल, बालिग, मुसलमान मर्द और औरत पर फर्ज है। रोजा इफ्तार सही वक्त पर ही करें। अगर रोजा वक्त से पहले खोल लिया तो रोजा खराब हो जाएगा।
उलमा के मुताबिक, रमजान के माह में हर मुस्लिम समुदाय पर चांद के हिसाब से 29 या 30 दिनों तक रोजे रखना जरूरी होता है। रमजान के पाक माह को तीन हिस्सों में बांटा गया है, जिनको अशरा कहा जाता है। जैसे रमजान के 1 से 10 दिन को पहला अशरा, दूसरे 11 से 20 दिन को दूसरा अशरा और तीसरे दिन 21 से 30 में तीसरा अशरा बंटा होता है। रमजान के पहले 10 दिन यानी पहला अशरा रहमत का होता है, दूसरा अशरा गुनाहों की माफी का होता है और तीसरा जहन्नम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है।