मोदी सरकार की दूरदर्शिता और नेतृत्व में आई कमी: रघुराम राजन, देश में कोरोना महामारी ने भारी तबाही मचा रखी है, पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है, पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना मरीज़ों के 3 लाख से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं, Covid-19 की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर बेहद भयावह साबित हो रही है,
मौजूदा समय में देश भारी संकट से जूझ रहा है, इसी बीच भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम का कहना है कि संक्रमण में तेजी से नेतृत्व और दूरदर्शिता की कमी सामने आई है।
ख़त्म हुआ ही नहीं था
द फ़ेडरल के अनुसार एक इंटरव्यू में आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि मोदी सरकार अगर समय रहते जाग गई होती तो देश में कोरोना हालात इतने नहीं बिगड़ते, पिछले साल की पहली लहर के बाद दोबारा संक्रमण में तेजी फैल रहा है। राजन ने कहा कि अगर आप सावधान होते, अगर आप चौकन्ने होते, तो आपको समझना चाहिए था कि ये अभी खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में दूसरी जगह ख़ासकर ब्राज़ील में जो हो रहा है, उससे सीख हासिल करना चाहिए थी कि यह वायरस दोबारा आ रहा है, यह महामारी पहले से ज़्यादा ख़तरनाक हो रही है, पिछले साल कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद भारत को लगा कि वायरस का बुरा दौर बीत चुका है, यही बे ख़्याली, आत्ममुग्धता आज देश को बेहद भारी पड़ रही है।
देश में ज़रूरत के मुताबिक़ वैक्सीन नहीं
वैक्सीन के बारे में बात करते हुए रघुराम राजन ने कहा इस समय देश में गंभीर स्थिति बनी हुई है, देश को इस संकट से निकालने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा वैक्सीन ज़रूरत है।
लेकिन देश में पर्याप्त वैक्सीन तैयार नहीं हो पा रही है, कहीं न कहीं यह भी एक बहुत बड़ी कमी है, जिसके कारण कोरोना तेज़ी से फैल रहा है, महामारी पर क़ाबू पाने के लिए वैक्सीन बड़ी मददगार साबित हो सकती है, उन्होंने कहा कि पिछले साल मामलों में कमी के बाद ऐसा समझा गया हम अब बुरे दौर से गुज़र चुके और हम अब इससे बाहर आ चुके हैं।