मोदी सरकार को जनता, व्यापारी, किसान और मज़दूरों से कोई लेना देना नहीं : राकेश टिकैत

मोदी सरकार को जनता, व्यापारी, किसान और मज़दूरों से कोई लेना देना नहीं : राकेश टिकैत

देश का अन्न दाता पिछले 7 महीनों से अधिक समय से अपने घरों को छोड़ कर सड़कों पर अपनी मांगें लेकर बैठा हुआ, और सरकार है जो सुनने को तैयार नहीं है।

पूरा देश जानता है कि अब से 7 महीने पहले जब से तीन कृषि क़ानून लाए गए हैं तब से किसानों ने उनका विरोध किया है, और उन्हें देश की दूसरी राजनीतिक दलों के समर्थन के साथ साथ विदेश की कई बड़ी हस्तियों का समर्थन मिला है।
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि इन तीनों क़ानून का मतलब रोटियों का मॉल में बिकना या तिजोरियों में बंद होना है और मेरे होते हुए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।

अभी कल की ख़बर थी जहां कुछ BJP कार्यकर्ताओं ने किसानों के मंच पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश की थी, तब भी राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर किसानों का मंच हथियाने की कोशिश की तो बक्कल उधेड़ दूंगा।

आज फिर किसानों के नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए मोदी सरकार को ललकारते हुए कहा कि इस समय देश पर कुछ लोगों ने क़ब्ज़ा कर लिया है, इनको देश की जनता, व्यापारी, किसान और मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है, हैरानी की बात है कि किसान देश की राजधानी को घेर कर बैठे हैं और सरकार बात ही नहीं कर रही है। किसान भी पीछे नहीं हटेगा।

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि हम पीछे नहीं हटने वाले हैं, पीछे हटना हमारी डिक्शनरी में नहीं है, जिस तरह फ़ौजें मोर्चे पर होती हैं तो गोली खाती हैं उसी तरह हम भी मोर्चे पर हैं और लड़ रहे हैं ।

इसी प्रकार एक अन्य ट्वीट में लिखा कि आंदोलन को आम जनता की भावनाएं आगे बढ़ा रही हैं। यह एक वैचारिक क्रांति है। जहां वैचारिक क्रांति आई है उसने परिवर्तन किए हैं। विचार से बड़ा कोई हथियार नहीं है।

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