राज ठाकरे से मराठा और ओबीसी समाज नाराज़

राज ठाकरे से मराठा और ओबीसी समाज नाराज़

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने यह कहकर कि “महाराष्ट्र में आरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है,” मराठा समाज का विरोध मोल लिया है। सोमवार रात उन्होंने उस्मानाबाद के जिस होटल में ठहराव किया था, वहां मराठा कार्यकर्ताओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। यहां तक कि राज ठाकरे को उन्हें अपने कमरे में बुलाकर बात करनी पड़ी। राज ने अपनी इस राय को दोहराया कि मराठा समाज को आरक्षण कभी नहीं मिल सकेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह इस मामले में मनोज जरांगे से बात करेंगे।

सोमवार के दिन राज ठाकरे ने सोलापुर में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि “महाराष्ट्र में सारी चीजें इतनी संगठित हैं कि यहां किसी को आरक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है।” राज ठाकरे सोलापुर से उस्मानाबाद के दौरे पर निकल गए जहां रात में उन्होंने पुष्पक होटल में ठहराव किया। जब मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को इसका पता चला तो उन्होंने होटल में घुसकर विरोध शुरू कर दिया। वे लॉबी में बैठकर राज ठाकरे मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।

पुलिस और राज ठाकरे के बॉडीगार्ड ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो वे और भड़क गए। कुछ देर बाद खुद राज ठाकरे नीचे आए और लगभग डांटते हुए उन कार्यकर्ताओं से कहा, “नारेबाजी बंद करो, अगर बात करनी है तो ऊपर आओ,” यह कहकर वह दोबारा अपने कमरे में चले गए। उनके इस रवैये से मराठा कार्यकर्ता और भी नाराज हो गए। जब वे लौट रहे थे उसी समय कुछ लोगों ने आवाज लगाई, “बात करनी हो तो नीचे आओ।”

इस मौके पर मीडिया भी मौजूद था। उन कार्यकर्ताओं ने मीडिया के सामने राज ठाकरे को सख्त शब्द कहें। उनका कहना था कि “हम इस बात पर राजी थे कि राज ठाकरे से बात करें और आरक्षण के संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करें, लेकिन जिस हेकड़ी से उन्होंने हमें ऊपर आने के लिए कहा उससे स्पष्ट हो गया कि उन्हें मराठा समाज की कोई कद्र नहीं है। वे एक सतही नेता हैं।” थोड़ी ही देर में उन कार्यकर्ताओं का यह वीडियो वायरल हो गया।

इसके बाद पुलिस ने मध्यस्थता की और राज ठाकरे ने उन कार्यकर्ताओं को अपने कमरे में बुलाया। उन कार्यकर्ताओं का जोर यह था कि राज ठाकरे मराठा आरक्षण के संबंध में अपना पक्ष स्पष्ट करें। वे मराठा समाज के साथ हैं या नहीं? इस पर राज ठाकरे ने जवाब दिया कि “मनोज जरांगे जब भूख हड़ताल पर बैठे थे तो मैं उनसे मिलने गया था। मैंने उसी समय उनसे कहा था कि जो मांग आप कर रहे हैं वह कभी मंजूर नहीं होगी। सभी पार्टियां सिर्फ आपका इस्तेमाल कर रही हैं।”

उन्होंने अपनी इस बात को दोहराया कि “महाराष्ट्र में किसी को आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। बाहर से आने वाले युवा मराठी युवाओं की नौकरियां हथिया लेते हैं। अगर महाराष्ट्र की सत्ता मेरे हाथ आई तो मैं इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि यहां किसी को आरक्षण की आवश्यकता न रहे। मेरे लिए महाराष्ट्र के सभी लोग बराबर हैं, मैं जात-पात को मानता ही नहीं हूं।” मराठा कार्यकर्ताओं ने फिर जोर दिया कि सत्ता हाथ में आएगी तब आएगी इस समय आप मराठा समाज के साथ हैं या नहीं? इस पर उन्होंने कहा, “आप लोग मुझ पर दबाव न डालें लेकिन मैं इस संबंध में मनोज जरांगे से मुलाकात करूंगा और विस्तार में बात करूंगा। वे मेरी बात समझेंगे।”

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