मणिपुर घटना शर्मनाक लेकिन इस पर राजनीति और भी शर्मनाक: अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा को लेकर कहा कि ‘घटना शर्मनाक है, लेकिन इस पर राजनीति और भी शर्मनाक है।’ उन्होंने कहा कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है मैं विपक्ष की बात से सहमत हूं।
अमित शाह बुधवार को संसद में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ देश की जनता को गुमराह करने के लिए लाया गया है। शाह ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव ऐसा है जहां न तो लोगों और न ही सदन को सरकार पर अविश्वास है।
चर्चा के दौरान मणिपुर के सीएम को नहीं हटाने के सवाल पर गृहमंत्री ने यह कहते हुए उका बचाव किया कि इस सीएम ने केंद्र के साथ सहयोग किया है’। उन्होंने कहा, ‘जब कोई राज्य का सीएम सहयोग नहीं कर रहा हो तो उसे बदलने की ज़रूरत होती है।
उन्होंने कहा की सीएम एन बीरेन सिंह ने केंद्र के साथ सहयोग किया है।’ शाह ने आगे कहा कि ‘संसद सत्र से पहले ही वीडियो क्यों वायरल हुआ, अगर वीडियो मिल भी गया था तो क्या उसे वायरल करना जरूरी था। वीडियो सुरक्षा एजेंसियों को भी दी जा सकती थी’।
अमित शाह ने मणिपुर में तनाव के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पहले से ही तनाव होने का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘अप्रैल माह में हाईकोर्ट के आदेश ने आग में घी डालने का काम किया’। मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश ने तब राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया था।
मणिपुर हिंसा पर विपक्ष को जवाब देते हुए शाह ने कहा कि विपक्ष कहता है कि पीएम ने मौन रखा लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने खुद उन्हें रात में फोन करके मणिपुर हिंसा के बारे में पूछा। तत्काल मणिपुर की हिंसा पर कार्यवाही की गई। गृहमंत्री ने कहा कि देश की प्रगति के लिए प्रधानमंत्री मोदी 17 घंटे काम करते हैं और उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली है।
शाह ने अपने संबोधन में कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार, वंशवाद की राजनीति और तुष्टिकरण को खत्म किया है और प्रदर्शन की राजनीति को महत्व दिया है।’ उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को दो बार सत्ता में लाने के लिए वोट दिया है और वह ‘भारत में सबसे सफल पीएम’ हैं।