महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद ने शिंदे मंत्रियों की बेलगावी यात्रा स्थगित की
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद गहराता जा रहा है। इसी के चलते महाराष्ट्र के दो मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को मंगलवार को कर्नाटक के बेलागवी की अपनी यात्रा स्थगित करनी पड़ी। यह मंत्री वहां जाकर ग्रामीणों से बात करने वाले थे। कर्नाटक सरकार ने कहा कि उनके दौरे से वहां कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है।
जिलाधिकारी नीतीश पाटिल ने एक आदेश जारी कर मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल, शंभुराज देसाई और सांसद धीरशील माने के बेलगावी में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। देसाई ने कहा कि हमने कर्नाटक सरकार को बेलगावी की अपनी यात्रा के बारे में औपचारिक रूप से सूचित कर दिया था। उन्होंने कहा कि हमने यात्रा स्थगित की है, रद्द नहीं की है। श्री देसाई ने कहा कि हम जल्द ही अपने दौरे की अगली तारीख तय करेंगे। हम बेलगावी में मराठी भाषियों से बात करेंगे। उनके साथ हम उस पैकेज पर चर्चा करेंगे जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इन 850 गांवों के मराठी भाषियों को देना चाहते हैं।
गौरतलब हो कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है. महाराष्ट्र की शिवसेना (शिंदे गुट) और भारतीय जनता पार्टी गठबंधन सरकार ने सीमा विवाद में मध्यस्थता के लिए अपने मंत्री चंद्रकांत पाटिल और शंभूराज देसाई को नियुक्त किया है। दोनों मंत्रियों को आज कर्नाटक के बेलगावी का दौरा करना था और सीमा विवाद पर चर्चा के लिए महाराष्ट्र एकता समिति (एमईएस) के कार्यकर्ताओं से मिलना था।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मंत्रियों के बेलगावी दौरे से सहमत नहीं थे। उन्होंने कल मुंबई में कहा था कि जिन दो मंत्रियों ने विवादित क्षेत्रों का दौरा करने की घोषणा की थी, उन्हें स्थानीय लोगों ने बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर आमंत्रित किया था। हमारा मानना है कि कानूनी पेचीदगियों से बचने के लिए विवादित क्षेत्रों की ऐसी यात्रा से बचना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक आजाद देश है इसलिए किसी को, किसी भी जगह जाने से मना नहीं किया जाना चाहिए। विवादित क्षेत्र से जुड़ा मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और हम इस मामले में और कोई बाधा नहीं चाहते।