महाराष्ट्र सरकार को बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लेनी चाहिए: राहुल गांधी
मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में शनिवार रात अज्ञात हमलावरों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनकी हत्या के बाद सियासी बयानबाजी काफी तेज हो चुकी है। महाराष्ट्र की राजनीति में बाबा सिद्दीकी का बड़ा नाम था। बाबा सिद्दीकी करीब 48 साल तक कांग्रेस में रहे। इसके बाद उन्होंने इसी साल फरवरी महीने में कांग्रेस छोड़कर अजीत पवार गुट की एनसीपी ज्वाइन कर ली थी।
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या पर दुख जारी किया। राहुल गांधी ने इस हत्याकांड को लेकर महाराष्ट्र सरकार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पूरी तरह से तबाह है। सिद्दीकी एनसीपी में शामिल होने से पहले लंबे समय तक कांग्रेस के सदस्य रहे थे। इसके साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था गिरती जा रही है। महाराष्ट्र सरकार को बाबा सिद्दीकी के हत्या की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
बता दें कि, महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी को आज रात साढ़े आठ बजे मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘बाबा सिद्दीकी के दुखद निधन से हैरान और दुखी हूं। इस मुश्किल वक्त में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के प्रति हैं। इस भयावह घटना ने महाराष्ट्र की खराब कानून व्यवस्था को उजागर कर दिया है। सरकार को इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और न्याय होना चाहिए।’
बाबा सिद्दीकी ने राजनीति की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी और लंबे समय तक वह कांग्रेस के सदस्य रहे। वह पहली बार BMC में कॉरपोरेटर (पार्षद) चुने गए थे। बाबा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की थी और साल 1977 में पार्टी की स्टूडेंट विंग NSUI में शामिल हुए थे। इसके बाद 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस महासचिव, 1982 में बांद्रा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और 1988 में मुंबई युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
साल 1999 में बाबा कांग्रेस के ही टिकट पर पहली बार बांद्रा वेस्ट सीट से विधायक बने। बाबा सिद्दीकी साल 2014 तक लगातार तीन बार बांद्रा वेस्ट से विधायक चुने गए। वे महाराष्ट्र सरकार में 2004-2008 तक खाद्य और श्रम मंत्री भी रहे।