लखनऊ: बहुमंजिला बिल्डिंग ढहने से 8 लोगों की मौत, 28 लोग घायल

लखनऊ: बहुमंजिला बिल्डिंग ढहने से 8 लोगों की मौत, 28 लोग घायल

उत्तर प्रदेश: लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में स्थित एक बहुमंजिला इमारत के ढहने से एक भीषण हादसा हो गया, जिसमें अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 28 लोग घायल हो गए हैं। राहत कार्य अब भी जारी है और मलबे से तीन और शव निकाले गए हैं, जिनकी पहचान राज किशोर (27), रुद्र यादव (24), और जागरूप सिंह (35) के रूप में की गई है।

घटना का विवरण
यह हादसा कल शाम 5 बजे उस समय हुआ जब हरमिलाप नामक यह इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। यह इमारत चार साल पहले बनाई गई थी और इसका उपयोग फार्मास्युटिकल व्यापार के गोदाम के रूप में किया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक, इमारत के गिरने के समय वहां कुछ निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माणाधीन इमारत के नीचे ग्राउंड फ्लोर पर एक मोटर वर्कशॉप और अन्य व्यापारिक गोदाम थे, जहां कई लोग काम कर रहे थे।

घटना के समय कई लोग ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद थे। कुछ ही समय बाद इमारत पूरी तरह से ढह गई, जिससे वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए। घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम भी मौके पर मौजूद है, जो बचाव कार्य में मदद कर रही है।

राहत कार्य और घायलों का उपचार जारी
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि राहत कार्य अभी भी जारी है और यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश की जा रही है कि मलबे के नीचे कोई और व्यक्ति फंसा न हो। अब तक मलबे से 8 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 28 लोग घायल हो चुके हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों, जैसे लोक बंधु अस्पताल, में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है।

घायलों में से एक, आकाश सिंह, जो उस समय इमारत के मेडिकल गोदाम में काम कर रहे थे, ने पीटीआई को बताया कि इमारत के एक स्तंभ में पहले से दरार आ गई थी, जो हादसे का मुख्य कारण हो सकती है। उन्होंने बताया, “हम बारिश के कारण ग्राउंड फ्लोर पर आ गए थे और हमने देखा कि इमारत के एक स्तंभ में दरार थी। इससे पहले कि हम कुछ समझ पाते, पूरी इमारत हमारे ऊपर गिर गई।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया 
इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, और एनडीआरएफ की टीमों को निर्देश दिया है कि राहत कार्यों में तेजी लाई जाए और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उनकी उचित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया गया कि “मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।”

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर संवेदना व्यक्त की
इसके अलावा, रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “लखनऊ में इमारत ढहने की खबर अत्यंत दुखद है। मैंने लखनऊ के जिला प्रशासन से फोन पर बात की और घटना की जानकारी ली है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और प्रभावितों की हर संभव मदद कर रहा है।”

घटना की जांच और सुरक्षा चिंताएं
इस हादसे के बाद सुरक्षा उपायों पर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि यह इमारत महज चार साल पहले बनाई गई थी। निर्माण के दौरान किसी प्रकार की खामी रही हो सकती है, जिसकी जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इमारत के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है, जो निर्माण की गुणवत्ता और हादसे के कारणों की विस्तार से जांच करेगी।

लखनऊ में इस हादसे ने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को झकझोर कर रख दिया है। इमारतों के निर्माण में सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज करने से ऐसे हादसे होते हैं, जिनमें अनमोल जानें चली जाती हैं। प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि इस घटना के बाद वह निर्माण क्षेत्र में सख्त नियम लागू करेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। इस बीच, घटनास्थल पर राहत कार्य जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मलबे के नीचे दबे सभी लोगों को बाहर निकाला जाएगा।

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