नागपुर में COVID-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन (LockDown) लगा दिया गया है इस के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ शहर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं शुरू किया गृह मंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने साफ़ कर दिया है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख इस्तीफा नहीं देंगे।
Mumbai: Bharatiya Janata Party holdd protest against Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh, demand his resignation pic.twitter.com/obIM0LlFrL
— ANI (@ANI) March 21, 2021
बता दें कि उन्होंने कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने किसी को खुश करने के लिए एक पत्र लिखा है। पाटिल ने यह भी कहा है कि सचिन वाजे को शिवसेना के साथ जोड़ना गलत होगा। ग़ौर तलब है कि परमबीर सिंह पत्र समाचार ने अनिल देशमुख के खिलाफ एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपालभगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा है कि सचिन वाजे ने उन्हें बताया था कि अनिल देशमुख ने उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए कहा था। पूर्वी पुलिस आयुक्त के बयान के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है।
इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने परम बीर सिंह के पत्र के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से फोन पर बात की। कहा जा रहा है कि दोनों के बीच लंबी चर्चा हुई और इस दौरान देशमुख ने शरद पवार के सामने अपना पक्ष रखा। अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी बात की है और उनके सामने अपनी स्थिति रखी है, साथ ही मामले की जांच के लिए अनुरोध किया है।
इस बीच बीजेपी नेता राम कदम ने सवाल किया है कि सचिन वाजे अपनी कार में कैश काउंटिंग मशीन लेकर क्यों गाड़ी चलाते थे। “आंतरिक मंत्री को नार्को टेस्ट से गुजरने के तुरंत बाद इस्तीफा दे देना चाहिए और जब तक वह ऐसा नहीं करते हैं, हमारा विरोध जारी रहेगा।”
हम किसी से कोई एहसान नहीं ले रहे हैं, लेकिन परम बीर सिंह ने जो खुलासा किया है, उसकी जांच होनी चाहिए। यदि परम बीर सिंह को इस bat कि पहले से जानकारी थी तो उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए।
बता दें इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नागपुर में कोरोनो वायरस के मामलों में हालिया उछाल के मद्देनजर शहर में प्रतिबंधों को महीने के अंत तक बढ़ाने के ठीक एक दिन बाद भाजपा द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। 15 मार्च से 21 तारीख तक लॉक डाउन लगाया गया है । नागपुर जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, केवल आवश्यक सेवाओं जैसे फल और सब्जी की दुकानों और दूध बूथों को लॉकडाउन के दौरान खुले रहने की अनुमति है।