ग़ुलाम नबी आज़ाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी से आज़ाद होते नेता
राहुल गाँधी की “भारत जोड़ो यात्रा” लोकप्रियता के शिखर पर है। उनकी इस यात्रा को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है। इस यात्रा में रिटायर्ड आर्मी अफ़सर, पत्रकार, पूर्व नौकरशाह, नेता अभिनेता, अभिनेत्रियां सभी वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। इस यात्रा का जम्मू कश्मीर में बेसब्री से इंतजार हो रहा है जहाँ पहुंचकर इस यात्रा का तिरंगा फ़हरा कर के साथ समापन होगा।
कश्मीर पहुँचने पर इस यात्रा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला, और विपक्ष के अन्य नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला इस महीने की शुरुआत में,पैदल मार्च के दौरान राहुल गांधी के साथ शामिल हुए थे।
भारत जोड़ो यात्रा जम्मू कश्मीर की सीमा में 19 जनवरी को पहुंचेगी लेकिन उससे पहले राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गए हैं। गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के वजूद पर खतरा मंडरा रहा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया है कि डीएपी के ढेर सारे नेता मंगलवार 17 जनवरी को पार्टी में शामिल होने वाले हैं।
इस महीने की शुरुआत में, जम्मू कश्मीर में डीएपी के 17 नेताओं, जिनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद शर्मा और पीरज़ादा मोहम्मद सईद शामिल थे, ने डीएपी से खुद को आज़ाद किया और कांग्रेस के खेमे में लौट आए थे। इस घटना से आजाद की क्षेत्रीय राजनीति को काफी धक्का लगा।
दरअसल, गुलाम नबी आजाद कांग्रेस की मुख्यधारा की पॉलिटिक्स को छोड़कर जम्मू कश्मीर में क्षेत्रीय राजनीति करने जा पहुंचे और अपनी डीएपी की स्थापना की। शुरू में कांग्रेस से तमाम लोग आजाद की पार्टी में आ गए लेकिन जल्द ही कांग्रेस से आए हुए नेताओं का आजाद की राजनीति से मोह भंग हुआ और वे सभी कांग्रेस में लौटने लगे।
जयराम रमेश ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के और भी नेता मंगलवार को कांग्रेस के पाले में लौट आएंगे। इससे पहले जब डीएपी से 17 नेता लौटे थे तो कांग्रेस ने उनकी वापसी का स्वागत करते हुए कहा था कि वह लोग “दो महीने के लिए छुट्टी” पर चले गए थे।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रमेश ने सोमवार को कहा कि 30 जनवरी को श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए 23 राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने एएनआई से कहा- मुझे नहीं पता कि उनमें से कितने लोगों ने निमंत्रण स्वीकार किया है, लेकिन हम सभी के आने की उम्मीद करते हैं। पैदल मार्च 19 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करेगा और 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होगा।