उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में नागरिकों का मारा जाना गलत: महबूबा

उग्रवादियों के खिलाफ अभियान में नागरिकों का मारा जाना गलत: महबूबा

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को श्रीनगर में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के दौरान एक घर के मालिक और एक डॉक्टर की हत्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा: “ये देखकर दुख होता है कि आपने उग्रवादियों से लड़ते हुए, नागरिकों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ”।

बता दें कि श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में सोमवार देर शाम हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय सहयोगी समेत चार लोग मारे गए थे मृतकों में मकान मालिक और एक डॉक्टर भी शामिल हैं, जिन्हें पुलिस ने आतंकी सहयोगी बताया है। हालांकि उनके परिवार वालों ने पुलिस के आरोप से इनकार किया है.

यहां अपने पार्टी कार्यालय में युवाओं के एक समूह को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा: “मुझे हैदरपोरा में एक मुठभेड़ की खबर मिली जिसमे आतंकवादी मारे गए, ये एक अच्छी खबर है, लेकिन उसके साथ साथ मकान मालिक को मार देना कहाँ तक सही है परिवार का आरोप है कि घर के मालिक को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया गया था साथ ही एक युवा डॉक्टर को भी मारा गया था।”

महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “मुझे नहीं पता कि उन्हें (मकान मालिक और डॉक्टर) किस श्रेणी में रखा जाएगा. ये देखकर दुख होता है कि आपने आतंकवादियों से लड़ते हुए नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है जोकि साफ़ साफ़ गलत है।”

जम्मू के पांच दिवसीय दौरे पर आई महबूबा ने भाजपा पर उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए देश का ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया।

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले, सरकारें अपनी उपलब्धियों पर वोट मांगती थीं जैसे कितने पुल बनाए गए हैं, रोजगार के अवसर पैदा हुए और युवाओं को रोजगार दिया गया । लेकिन आज से समय में उनके (भाजपा) के पास वोट हासिल करने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे से लड़ने के अलावा लोगों को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है।

मुफ़्ती ने जम्मू के युवाओं से सतर्क रहने को कहते हुए कहा कि यहां भी समाज में जहर घोलने की कोशिश की जा रही है.

ग़ौर तलब है कि महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि “युवा बेरोजगारी की सबसे बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं और उनके (सरकार) के पास इसका कोई जवाब नहीं है। पिछले करीब एक साल से सड़कों पर उतरे किसानों की समस्या का उनके पास कोई जवाब नहीं है।

उन्होंने हाल के दिनों में त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सांप्रदायिक तनाव का हवाला देते हुए कहा, “उनके पास केवल एक मशीन है और केवल एक कारक है और वह है यूपी चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए समाज का ध्रुवीकरण करना।”

पीडीपी नेता ने कहा कि वो जम्मू में एक कृष्ण देव सेठी के घर पली-बढ़ी हैं, लेकिन उन्हें कभी भी हिंदू और मुस्लिम में कोई अंतर महसूस नहीं हुआ। यह जम्मू का भाईचारा है जो देश में उन जगहों में से एक है जहां धर्मनिरपेक्षता जिंदा है और हिंदू, मुस्लिम और सिख भाई की तरह रह रहे हैं, लेकिन वे यहां के समाज में भी ज़हर घोल रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा: आपको उनके झांसे में नहीं आना चाहिए। आपको उनसे हिसाब लेना होगा और पूछना होगा कि यहां स्थापित बिजली परियोजनाओं और कारखानों में कितने स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। महबूबा ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू-कश्मीर में कितने स्थानीय और गैर-स्थानीय लोगों को नौकरी मिली। उसने दावा किया कि शराब के सौदागरों ने अपना व्यापार बाहरी लोगों के हाथों गंवा दिया, जबकि स्थानीय दुकानदार और छोटे खनिजों का कारोबार करने वालों को भी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है और बाहरी लोगों को अपना कारोबार गंवाना पड़ रहा है।

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