6 साल के मासूम मोहम्मद कैफ का हत्यारा, लक्ष्मण को न्यायिक हिरासत
मालेगांव के मोहम्मद कैफ की हत्या के मामले में आरोपी लक्ष्मण सोनावणे को पिछले 12 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश जारी कर दिया गया है। लक्ष्मण तीसरी बार स्थानीय अदालत में पेश हुआ, लेकिन उसकी पैरवी के लिए कोई वकील नहीं आया। मारे गए मोहम्मद कैफ की ओर से कानूनी वकील अब्दुल अज़ीम खान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अदालत में यह स्थिति बनी हुई है कि युवक की हत्या की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है, इसलिए आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाई जाए।
मोहम्मद कैफ के अपहरण के बाद आरोपी और पीड़िता की मां के बीच फोन पर बातचीत की खबरें आ रही हैं। कोर्ट ने इस दलील पर कहा कि न्यायिक हिरासत के दौरान भी फोन कॉल या वॉयस रिकॉर्ड की जांच की जा सकती है। अब्दुल अज़ीम खान ने आगे कहा कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। जब तक जमानत अर्जी दाखिल नहीं हो जाती, तब तक आरोपी की रिहाई के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। न्यायिक हिरासत मिलने के बाद आरोपी लक्ष्मण को नासिक सेंट्रल जेल भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि 7 जनवरी से लापता मोहम्मद कैफ (साढ़े 5 साल) का शव 18 जनवरी को मिला था। हत्या के आरोप में पुलिस ने लक्ष्मण सोनावने को गिरफ्तार किया था।
हिंदू मुस्लिम एकता संघ ने मालेगांव बार काउंसिल की कार्रवाई को सही ठहराया
मुहम्मद कैफ की निर्मम हत्या के आरोप में गिरफ्तार किये गये लक्ष्मण सोनवणे की पैरवी करने से इनकार करने पर हिंदू मुस्लिम एकता संघ द्वारा मालेगांव बार काउंसिल के सभी वकीलों की सामूहिक कार्रवाई को उचित ठहराते हुए सिंह ने वकील संरक्षण अधिनियम का समर्थन किया। इस अवसर पर संघ एवं परिषद की संयुक्त बैठक हुई।
अधिवक्ता नवेद अंसारी और अधिवक्ता किशोर त्रिभुवन ने वकील का प्रतिनिधित्व किया, जबकि संघ के रामदास बर्से, निखिल पवार, अखलाक बाले मुकादम, भरत पाटिल, कैलाश शर्मा, सोहेल डॉलरिया, जमील अहमद, केडी भामरे आदि ने भाग लिया। धरना में शामिल लोगों ने कहा कि एक मासूम और छोटे बच्चे की हत्या करने वाले व्यक्ति को कानूनी सहायता देना मानवता के खिलाफ है। उसने पुलिस हिरासत में हत्या की बात भी कबूल की है। उसे मानव समाज से दूर जेल में रखा जाना चाहिए। फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए।