खट्टर सरकार या तो हमारी मांग पूरी करे या हमें गिरफ़्तार करे: राकेश टिकैतtw
किसानों का मामला सरकार के लिए अब बहुत अहम और पेचीदा होता जा रहा है, जैसाकि कल पूरे देश ने देखा कि किस तरह जिन किसानों को सरकार और सरकारी जुबान बोलने वाले पत्रकार मुट्ठीभर किसान कह रहे थे वह मुट्ठीभर नहीं बल्कि लाखों की संख्या में थे।
और कल किसान महासम्मेलन में कई घटनाओं ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है, जिसे BJP सरकार और उसके प्रवक्ताओं ने राजनीति का रंग देना शुरू कर दिया है, जबकि इन्हीं किसानों के लिए BJP के नेताओं ने रूढ़िवादी, खालिस्तानी, आतंकवादी जैसे शब्दों का प्रयोग किया है और अब किसानों ने जब अपनी एकता को धर्म से ऊपर जाकर साबित किया तो BJP को इस महासम्मेलन में राजनीति दिखाई देने लगी।
किसानों के लिए अपशब्द, अभद्र भाषा और लाठीचार्ज सब कुछ BJP ने अपनाया लेकिन जिस चीज़ की ज़रूरत थी उसी को अब तक अंजाम नहीं दिया और वह है काले क़ानूनों की वापसी।
30 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कहा था कि किसानों की समस्या और उसके समाधान के बीच बस एक कॉल की दूरी है तो पूरे देश को ऐसा लगा था कि अब किसानों की समस्या हल हो जाएगी लेकिन प्रधानमंत्री को कहे हुए 7 महीने बीत चुके लेकिन उन्हें एक कॉल करने का समय नहीं मिला।
अभी हाल ही में किसानों के साथ हरियाणा सरकार ने जो रवैया अपनाया वह भी देश के सामने है कि किस तरह से किसानों के साथ बर्बरता हुई, और उनके सिर फोड़ने जैसा आदेश दिया गया जिसके बाद कई किसान ज़ख्मी हुए लेकिन किसानों ने किसी हिंसक रवैये को नहीं अपनाया और शायद यही कारण है कि पूरे देश का साथ मिल रहा है।
हरियाणा सरकार के रवैये को आड़े हाथों लेते हुए अभी कुछ देश पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा कि करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही, या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ़्तार करे, हम हरियाणा की जेल भरने को तैयार हैं।
करनाल में सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही। या तो खट्टर सरकार मांग माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार-राकेश टिकैत@ANI @PTI_News @sakshijoshii #FarmersProtest
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) September 7, 2021