केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने जमात-ए-इस्लामी की तुलना आरएसएस से की
रविवार को कोझिकोड में “केरल, मुस्लिम राजनीति और राजनीतिक इस्लाम” नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रसिद्ध संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद की आलोचना की। उन्होंने सामाजिक धार्मिक मुस्लिम संगठन की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से करते हुए कहा कि जमात-ए-इस्लामी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इस्लामी संस्करण है और एक पुनरुत्थानवादी संगठन है।
‘मुस्लिम मिरर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, विजयन ने इंडियन मुस्लिम यूनियन लीग (आईएमयूएल) पर भी निशाना साधा और उस पर चुनाव में सीपीआईएम के खिलाफ जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाया। विजयन ने आरोप लगाया कि आईयूएमएल, “आतंकवादी” और “साम्राज्यवादी” संगठनों से जुड़ी हुई है जो “खिलाफत” स्थापित करना चाहती हैं। विजयन ने जमात-ए-इस्लामी पर धार्मिक साम्राज्यवादी संगठन होने का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री के इन बयानों ने केरल की वर्तमान राजनीति में हलचल मचा दी है, जहां कम्युनिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी दोनों का मजबूत आधार है।
मुख्यमंत्री की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, आईयूएमएल के नेता मोहम्मद बशीर ने कहा कि मुख्यमंत्री विजयन गंदी राजनीति के जरिए अल्पसंख्यकों को विभाजित करने और मुसलमानों, ईसाइयों और अन्य समुदायों के बीच खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जमात-ए-इस्लामी ने पहले सीपीआई (एम) का समर्थन किया था और उस गठबंधन के जरिए काफी राजनीतिक लाभ भी हासिल किया था। मोहम्मद बशीर ने आगे कहा कि आईयूएमएल कभी भी जमात को आतंकवादी या साम्राज्यवादी संगठन नहीं मानता।
बशीर के अनुसार, केरल के मुख्यमंत्री जवाबदेही से बचने के लिए जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्लिम लीग, जमात-ए-इस्लामी को आतंकवादी समूह के रूप में नहीं देखती। यही कारण है कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 2019 के चुनावों में उनका समर्थन स्वीकार किया।
दूसरी ओर, केरल कांग्रेस के अध्यक्ष के. सुधाकरण ने कहा कि सीपीआई (एम) ने पहले जमात-ए-इस्लामी और पिछले चुनावों में अब्दुल नसीर मदनी की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ काम किया है। विपक्ष ने यह भी कहा कि आईयूएमएल, जमात-ए-इस्लामी, कांग्रेस और एसडीपीआई वर्तमान में केरल में अल्पसंख्यक वर्गों को एकजुट करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और इसलिए मुख्यमंत्री सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
हालांकि, जमात-ए-इस्लामी की ओर से अभी तक इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। संगठन के सहायक सचिव मोहम्मद सलमान ने मुख्यमंत्री के बयान के संदर्भ में “केरल यूनिट से जानकारी एकत्र करने” के संबंध में स्पष्टीकरण दिया।


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