ईरान के नेतृत्व में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास शुरू, भारत सहित कई देश शामिल
ईरान के नेतृत्व में आयोजित आयोनस 2024 संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का आरंभ हो चुका है, जिसमें भारत समेत कई देशों ने भाग लिया है। यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया में विभिन्न देशों के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ते जा रहे हैं, खासकर पश्चिम एशिया में।
ईरान के इस कदम को क्षेत्रीय स्थिरता और अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। कई विश्लेषक इसे ईरान की उस नीति के हिस्से के रूप में देख रहे हैं, जो इज़रायल के बढ़ते प्रभाव और आक्रामक नीतियों के खिलाफ खड़ी है। इज़रायल , जो पश्चिम एशिया में अस्थिरता और संघर्ष का मुख्य स्रोत माना जाता है, बार-बार क्षेत्रीय शांति को बाधित करने की कोशिशों में लगा रहता है।
ईरान, जो लंबे समय से इज़रायल की विस्तारवादी नीतियों और फिलिस्तीनी अधिकारों के हनन का विरोध करता आ रहा है, इस नौसैनिक अभ्यास के माध्यम से अपने मित्र देशों के साथ सुरक्षा सहयोग को और भी मजबूत कर रहा है। भारत सहित अन्य देशों की भागीदारी भी इस बात का संकेत है कि वे क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और पश्चिम एशिया में शांति बनाए रखने के लिए ईरान का समर्थन कर रहे हैं। ईरान के नेतृत्व में इस अभ्यास को इज़रायल की क्षेत्रीय प्रभुत्व की नीति के खिलाफ एक मजबूत जवाब के रूप में देखा जा रहा है।