अक्षय शिंदे ने पिस्तौल छीनकर गोली चला दी, यह विश्वास करना बहुत कठिन: बॉम्बे हाईकोर्ट

अक्षय शिंदे ने पिस्तौल छीनकर गोली चला दी, यह विश्वास करना बहुत कठिन: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी की हिरासत में मौत पर मुंबई पुलिस की खिंचाई करते हुए कहा कि इसमें गड़बड़ी दिख रही है और इस घटना की निष्पक्ष जांच की जरूरत है। कोर्ट ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह आरोपी अक्षय शिंदे को जेल से बाहर लाए जाने से लेकर शिवाजी अस्पताल में मृत घोषित किए जाने तक की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे।

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अक्षय शिंदे की गोली मारकर हत्या को टाला जा सकता था, लेकिन पुलिस ने पहले उसे काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की? बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल किया, ‘आरोपी को पहले सिर में गोली क्यों मारी गई, पैर या हाथ में क्यों नहीं?’ जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि यदि उसे पता चलता है कि जाँच ठीक से नहीं की जा रही है तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी।

पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के साथ यौन शोषण के आरोपी शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, तभी उसने सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे की पिस्तौल छीन ली और एस्कॉर्टिंग पुलिस टीम पर गोली चला दी, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में शिंदे मारा गया।

बता दें कि, अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने मंगलवार को वकील अमित कटरनवरे के माध्यम से बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या फर्जी मुठभेड़ में की गई है और मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल यानी एसआईटी की मांग की है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकारी वकील से कहा कि शारीरिक रूप से कमज़ोर व्यक्ति रिवॉल्वर को जल्दी से अनलॉक नहीं कर सकता। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत आसान नहीं है। एचटी की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि अधिकारी की पिस्तौल अनलॉक थी।

एनकउंटर पर हाईकोर्ट की टिप्पड़ी
-एक कमजोर आदमी गोली कैसे चला सकता है?
-उंगलियों के निशान की जांच होनी चाहिए.
-पुलिस की पिस्टल अनलॉक क्यों थी?
-पुलिस ने पहले उसे काबू करने की कोशिश क्यों नहीं की?
-आरोपी को पहले सिर में गोली क्यों मारी गई, पैरों या हाथों में क्यों नहीं?

हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को तय की, जब तक पुलिस को अक्षय शिंदे के पिता द्वारा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली शिकायत पर फैसला लेना होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles