इज़रायल की बर्बर बमबारी जारी; मस्जिद पर बमबारी से 50 नमाज़ी शहीद

इज़रायल की बर्बर बमबारी जारी; मस्जिद पर बमबारी से 50 नमाज़ी शहीद

फिलिस्तीन के आम लोगों पर इज़रायल की बर्बर बमबारी अभी भी जारी है, जिसमें निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं। ताजा मामला मस्जिद पर बमबारी का सामने आया है जिसमें पचास नमाजी शहीद हो गए हैं। अरब मीडिया के मुताबिक, गुरुवार को इज़रायली वायुसेना द्वारा ग़ाज़ा में एक मस्जिद पर की गई बमबारी में 50 नमाजी शहीद हो गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, इज़रायली विमानों ने ग़ाज़ा के मध्य क्षेत्र सबरा में नमाजियों से भरी एक मस्जिद पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप दर्जनों नमाजी घायल हो गए, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। दूसरी ओर, इज़रायली सेना ने जॉर्डन के फील्ड अस्पताल को भी नहीं बख्शा। बमबारी से फील्ड अस्पताल के 7 सदस्य घायल हो गए। ग़ाज़ा पर इज़रायल के हमलों को 40 दिन बीत चुके हैं और इन हमलों में 11,500 फिलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं और 25,000 से अधिक घायल हुए हैं।

बता दें कि इज़रायल ने अल- शिफ़ा अस्पताल पर भी यह कहते हुए हमला किया है कि उसमें हमास की सुरंगें हैं, उसके इस दावे को अल- शिफ़ा अस्पताल के प्रबंधकों ने झूठा बताया है, प्रश्न यह भी है कि अगर वास्तव में वहां हमास की सुरंग होती तो वहां अस्पताल में लोग बिना बिजली और खाने पीने के क्यों मरते।

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, उसके प्रतिनिधि ने अस्पताल के निदेशक मुहम्मद अबू सल्मिया से बात की, जिन्होंने कहा कि अस्पताल पर हमले के बाद इज़रायली सेना ने सभी शवों को ले लिया है और सभी इमारतों की तलाशी ली है। हालांकि उसे अस्पताल में ऐसा कुछ नहीं मिला जिसका वह दावा कर रही है।

अबू सल्मिया ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि शव कहां ले जाए गए। उन्होंने कहा कि इज़रायली सैनिक ईआर में मौजूद थे और इज़रायली सेना रेडियोलॉजी, प्रसूति विभाग, बर्न विभाग और ईआर के मुख्य प्रवेश द्वार पर मौजूद हैं। अस्पताल के ऊपर लगातार ड्रोन उड़ रहे हैं।

अबू सल्मिया ने यह भी कहा कि हमारे अस्पताल में 650 मरीज हैं, जिनमें 45 डायलिसिस मरीज और 36 प्रीमैच्योर बच्चे शामिल हैं। मरीज पानी और भोजन के लिए बेहाल हैं। अस्पताल के अंदर 500 से ज्यादा मेडिकल स्टाफ और 5 हजार शरणार्थी हैं।

उन्होंने कहा कि इजरायली सेना के दावे झूठे हैं। अस्पताल के अंदर से इजरायली सैनिकों पर कोई गोली नहीं चलाई गई। हम मरीजों को अकेला नहीं छोड़ेंगे। हम साथ जिएंगे और मरेंगे, भले ही पानी की कमी के कारण हमारा जीवित रहना मुश्किल हो रहा है। हम पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि इज़ रायली सेना ने वॉटर लाइन पर बमबारी की है, इसलिए अस्पताल में पानी नहीं है।

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