भारत में घातक हुआ इस्लामोफोबिया, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को खत्म कर रही है मोदी सरकार

भारत में घातक हुआ इस्लामोफोबिया, धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को खत्म कर रही है मोदी सरकार

अमेरिका के प्रख्यात भाषाविद एवं विद्वान नोम चॉम्स्की ने भारत में इस्लामोफोबिया की घातक स्थिति को लेकर चिंता जताई है।

भारत में इस्लामोफोबिया की घातक होती स्थिति एवं धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के खात्मे का उल्लेख करते हुए नोम चॉम्स्की ने कहा कि मोदी सरकार व्यवस्थित तरीके से भारतीय धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र को खत्म कर रही है और वह देश को धीरे धीरे हिंदू राष्ट्र में बदल रही है।

नोम चॉम्स्की ने अमेरिकी प्रवासी संगठनों द्वारा आयोजित “भारत में संप्रदायिकता” शीर्षक से होने वाले कार्यक्रम के लिए भेजे गए अपने संक्षिप्त संदेश में कहा कि “पश्चिम में बढ़ रहा है इस्लामोफोबिया भारत में सबसे घातक रूप ले चुका है” साथ ही मोदी सरकार देश को हिंदू राष्ट्र में बदलते हुए धीरे-धीरे सुनियोजित तरीके से धर्मनिरपेक्ष भारतीय लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली हुई है।

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका स्थित प्रवासी संगठनों द्वारा महीने में तीसरी बार “भारत में संप्रदायिकता” शीर्षक से आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में नोम चॉम्स्की का यह रिकॉर्डेड संदेश सुनाया गया। चर्चा का विषय भारत में हेट स्पीच और हिंसा तथा देश की बिगड़ती स्थिति थी।

इस कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में कारवाने मोहब्बत के कार्यकर्ता हर्ष मंदर भी शामिल थे। नोम चॉम्स्की ने अपने संदेश में देश में स्वतंत्र विचारों एवं शिक्षा प्रणाली पर होने वाले हमलों के साथ-साथ कश्मीर की मौजूदा स्थिति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर अब अधिकृत क्षेत्र है, बल्कि यह कुछ मामलों में फिलीस्तीन की तरह हो गया है। नाम चॉम्स्की ने अपने बयान में पाकिस्तान के साथ साथ बाकी क्षेत्र के हालात का भी जिक्र किया।

वहीँ हर्ष मंदर ने भी अपने बयान में कहा कि आज भारत खुद को डर एवं घृणा के हिंसक माहौल के साथ-साथ भयावह अंधेरे में पा रहा है। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि किस प्रकार आधुनिक भारत के संस्थापकों ने धर्म के आधार पर बनने वाले पाकिस्तान ना जाने का फैसला किया था। आज भारत की सबसे बड़ी त्रासदी यह बन गई है कि लोग हिंदू वर्चस्व वादी विचारधारा में डूबे हुए हैं। जिस विचारधारा की वजह से गांधी जी की हत्या हुई वह विचारधारा आज भारत पर शासन कर रही है।

हर्ष मंदर ने अपने बयान में कहा कि सत्तारूढ़ सरकार के समर्थकों को संभावित नरसंहार के दावों को खतरनाक और तथाकथित विदेशी हस्तक्षेप के रूप में खारिज करना अच्छा लगता है। लेकिन होलोकास्ट मेमोरियल म्यूजियम की रिपोर्ट इस तरह के इंकार के खतरों से आगाह करती है।

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