दिल्ली एयरपोर्ट पर अंतर्राष्टीय यात्रियों को करना पड़ सकता है छह घंटे का इंतज़ार
कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट ने पूरी दुनिया ने ख़तरे की घंटी बजा दी है इस लिए भारत सरकार ने देश में आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. जो देश के हर अंतर्राष्टीय एयरपोर्ट पर 1 दिसंबर से लागू हो जाएंगे.
बता दें कि नए नियमों के लागू होने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट पर अंतर्राष्टीय यात्रियों को 6 घंटे तक इंतजार करना पड़ सकता है. 14 जोखिम वाली श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर जांच अनिवार्य की गई है. इन देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले पाए गए हैं.
बताया जा रहा है वो 14 देश जहाँ पर ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आएं हैं वहां से आने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर टेस्ट के परिणाम के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. इस टेस्ट का परिणाम आने में 4 से 6 घंटे लग सकते हैं. एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर टेस्ट करने वाली कंपनी एक घंटे में 400-500 टेस्ट कर सकती हैं. लेकिन जांच क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
ग़ौर तलब है कि यूरोप से दिल्ली की सीधी फ्लाइट 8.5 घंटे का समय लेती है और अगर फ्लाइट पकड़ने के पहले दो घंटे का समय साथ ही दिल्ली एय़रपोर्ट पर टेस्ट के लिए छह घंटे और लगेज पाने की खातिर कस्टम और इमिग्रेशन में एक घंटे का वक्त जोड़ दें तो यात्रियों को दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर आने के लिए 17 घंटे का वक्त लग सकता है.
बता दें कि वो 14 देश जो जोखिम वाली श्रेणी में रखे गए हैं उनमे यूरोप के सभी यात्री, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इस्राईल से आने वाले यात्री शामिल है जिनके लिए एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर टेस्ट कराना जरूरी है. साथ ही अन्य देशों के यात्रियों से भी 5 फीसदी का रैंडम आधार पर टेस्ट कराया जाएगा.
ये बात से साबित है कि फिलहाल इन सभी देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे पर लंबा इंतजार करना पड़ना सकता है. और अभी तक ये तय नहीं है कि टेस्टिंग के कितने काउंटर बनाए जाएंगे.
गौरतलब है कि ओमिक्रॉन वायरस के खतरे को भांपते हुए सरकार ने विदेश यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग और टेस्टिंग के नियम कड़े कर दिए हैं.