भारत के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. आर चिदंबरम का निधन

भारत के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. आर चिदंबरम का निधन

भारत के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक डॉ. आर चिदंबरम का आज सुबह मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने 1974 और 1998 में देश के पोखरण परमाणु परीक्षणों में अहम भूमिका निभाई थी। वह भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष भी रहे थे। इसके बाद उन्होंने भारत सरकार में वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी सेवाएं दीं। भारत सरकार ने देश को “परमाणु हथियार संपन्न” बनाने में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

परमाणु ऊर्जा विभाग ने अपने बयान में लिखा, “डॉ. राजगोपाल चिदंबरम देश के अद्वितीय वैज्ञानिक और भौतिकशास्त्र के विशेषज्ञ थे। आज (4 जनवरी 2024) सुबह 3 बजकर 20 मिनट पर उनका निधन हो गया। भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं में उनके योगदान और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनकी नेतृत्व क्षमता को हमेशा याद किया जाएगा।”

डॉ. चिदंबरम 2001 से 2018 तक भारत सरकार के लिए वैज्ञानिक सलाहकार रहे। 1990 से 1993 के बीच उन्होंने भारत के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के निदेशक के रूप में सेवाएं दीं। वह परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष और भारत सरकार में सचिव भी रहे। उन्होंने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन के रूप में भी कार्य किया। वह IAEA कमीशन के सदस्य भी रहे।

परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने कहा, “डॉ. चिदंबरम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम थे। भारत के परमाणु परीक्षणों में उनके योगदान ने देश की परमाणु क्षमताओं और रणनीतिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया। उनका निधन वैज्ञानिक समुदाय और राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है।”

वैज्ञानिक डॉ. आर चिदंबरम के निधन से गहरा दुख हुआ: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “पद्म विभूषण से सम्मानित और देश के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. आर चिदंबरम के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। उन्होंने 16 वर्षों तक भारत सरकार के लिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में सेवा दी और देश के परमाणु कार्यक्रम में योगदान दिया, जिसमें ऐतिहासिक पोखरण 1 और पोखरण 2 परीक्षण भी शामिल हैं।”

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