भारत की मांग, तालिबान को लेकर पाकिस्तान की जिम्मेदारी तय हो

भारत की मांग, तालिबान को लेकर पाकिस्तान की जिम्मेदारी तय हो  तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद सरकार चलाने को लेकर विश्व समुदाय से जो वादा किया था वे उस पर खरा नहीं उतरा तो इसके परिणाम बहुत घातक होंगे।

भारत ने अफगानिस्तान को लेकर रुस, अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों को दो टूक कहा है कि अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान को भी अपनी जिम्मेदारी निभाना होगी कि वह अफगानिस्तान की धरती किसी दूसरे देश में आतंकवादी वारदातों के लिए ना करें ।

रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव जनरल निकोले पेत्रुशेव इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से अलग-अलग मुलाकात की।

रुसी एनएसए ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में भारतीय दल के साथ मुलाकात की। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नेतृत्व में इन सभी मुलाकात में बगैर किसी लाग लपेट के रूसी पक्ष को आगाह किया है कि अफगानिस्तान के हालात सीधे तौर पर हमारी सुरक्षा से जुड़े हैं लिहाजा भारत हर स्तर पर सुरक्षा बरतेगा।

अजीत डोभाल ने मंगलवार को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के प्रमुख से मुलाकात में भी भारत का रुख स्पष्ट किया था। कहा जा रहा है कि रूस और अमेरिका के खुफिया एजेंसी प्रमुखों के भारत आने से पहले ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई के प्रमुख ने में भी भारत की गोपनीय यात्रा की थी। हालांकि भारत सरकार की तरफ से सीआईए और एमआई प्रमुख की यात्राओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सीआईए के प्रमुख बुधवार को अफगानिस्तान और पाकिस्तान की यात्रा भी कर सकते हैं। मीडिया सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार अफगानिस्तान के हालात पर कई स्तरों पर अमेरिका, रूस एवं अन्य देशों के साथ संपर्क में है।

भारत सरकार का मानना है कि तालिबान को पाकिस्तान से अलग करके नहीं देखा जा सकता। तालिबान को लेकर पाकिस्तान की जिम्मेदारी बनती है कि वह अफगानिस्तान को आतंकवाद की शरणस्थली ना बनने दे। अफगानिस्तान में तालिबान ने जिस तरह की सरकार का गठन किया है वह भी चिंताजनक है।

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