यूएई में भारतीय महिला शहज़ादी ख़ान को फांसी दी गई
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय महिला शहज़ादी ख़ान को 15 फरवरी 2025 को फांसी दी गई। 33 वर्षीय शहजादी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की निवासी थीं और अबू धाबी में घरेलू सहायक के रूप में कार्यरत थीं। उन्हें चार महीने के शिशु की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
शहज़ादी ख़ान के पिता, शब्बीर खान, ने दावा किया कि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला और भारत सरकार से पर्याप्त सहायता नहीं मिली। उन्होंने बताया कि शहज़ादी दिसंबर 2021 में अबू धाबी गई थीं और अगस्त 2022 में उनके नियोक्ता ने एक बच्चे को जन्म दिया। शहज़ादी उस शिशु की देखभाल कर रही थीं। दिसंबर 2022 में टीकाकरण के बाद शिशु की मृत्यु हो गई, जिसके लिए शहज़ादी को जिम्मेदार ठहराया गया।
अदालत में एक वीडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की गई, जिसमें शहज़ादी ख़ान ने शिशु की हत्या की बात स्वीकार की थी। हालांकि, महिला के पिता ने अदालत को बताया कि यह स्वीकारोक्ति जबरन और प्रताड़ना के जरिए ली गई थी। बच्चे के माता-पिता ने शव परीक्षण कराने से इनकार कर दिया था और जांच समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। प्रश्न यह उठता है कि, अगर शहज़ादी ख़ान ने बच्चे की हत्या की थी तो उसके क्या कारण थे ? बच्चे के माता-पिता ने शव परीक्षण कराने से इनकार क्यों किया ? इसके बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।
महिला के पिता ने अदालत को यह भी बताया कि भारतीय दूतावास ने उनकी बेटी को कानूनी सहायता देने से इनकार कर दिया था। इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि शहज़ादी ख़ान को 15 फरवरी को फांसी दी जा चुकी है और इस बारे में 28 फरवरी को भारत सरकार को जानकारी दी गई।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी सहायता के महत्व को रेखांकित करता है। शहज़ादी खान उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की रहने वाली थी और उनके शव को 5 मार्च तक भारत भेजे जाने का वादा किया गया है। अदालत को सरकार की ओर से जानकारी मिलने के बाद ही परिवार को उनकी बेटी को फांसी दिए जाने की खबर मिली।