भारत भेजेगा अफगानिस्तान मानवीय सहायता, पकिस्तान का अड़ंगा ख़त्म
भारत ने बिना किसी शर्त के अफगानिस्तान को मानवीय सहायता भेजने के प्रयासों को आगे बढ़ाने को कहा है, जिसके बाद पाकिस्तान ने घोषणा की कि वह भारतीय सहायता को अफगान ट्रकों के माध्यम से पारित करने की अनुमति देगा, बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान, सहायता पहुचाने के लिए पाकिस्तानी ट्रकों के इस्तेमाल की मांग कर रहा था
ये घोषणा तब हुई जब अफगानिस्तान पर यूरोपीय संघ (ईयू) के विशेष दूत टॉमस निकलासन दिल्ली में थे, जहां उन्होंने विदेश मंत्रालय (एमईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की साथ ही उन्होंने पाकिस्तानी चार्ज डी’अफेयर्स आफताब खान से भी मुलाकात की।
बता दें कि यूरोपीय संघ ने अफगानिस्तान में दूतावास फिर से खोलने की योजना बनाई, साथ काबुल में मौजूद मानवीय कर्मचारियों के अलावा यूरोपीय संघ के अंतर्राष्ट्रीय अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों की एक छोटी संख्या को भी भेजा गया है। निकलासन ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान में दूतावास को फिर से खोलने का मतलब तालिबान के “वास्तविक शासन” को “मान्यता” नहीं देना होगा।
जैसा कि द हिंदू ने इस सप्ताह रिपोर्ट किया था, कि भारत ने अभी तक ये तय नहीं किया है कि 18 अगस्त को बंद हुए अपने दूतावास को कब दोबारा से खोलेगा, हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और एमईए में दूतावास को खोलने के विकल्पों पर चर्चा हुई है।
नई दिल्ली में बैठकों के दौरान, अधिकारियों ने तालिबान की मांग पर भी चर्चा की, जिसे संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित अफगानिस्तान पुनर्निर्माण ट्रस्ट फंड में लगभग 280 मिलियन डॉलर को अनफ्रीज किया गया था, जिसे अगस्त में विश्व बैंक द्वारा फ्रीज कर दिया गया था। विश्व बैंक के दानदाताओं से अब उन निधियों को यूनिसेफ और विश्व खाद्य कार्यक्रम को जारी करने की स्वीकृति देने के लिए कहा जा रहा है।
सयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन ने बताया कि अफगानिस्तान मानवीय तबाही के कगार पर है, जो वित्तीय प्रतिबंधों में कारण गिरती अर्थव्यवस्था के कारण है साथ ही उन्होंने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि 38 मिलियन लोगों में से 60% लोगों को भूख का सामना करना पड़ सकता है।