शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. संजय राउत ने रविवार को सामना में साल के अपने अंतिम कॉलम में लिखा है कि जीवन के हर क्षेत्र में लोग परेशान हैं. सरकार के पास कोई राजस्व नहीं है, लेकिन वहां चुनाव लड़ने और राज्यों की सरकारें गिराने के लिए पैसा है. देश राजस्व की तुलना में अधिक ऋण की ओर बढ़ रहा है. राउत ने तंज करते हुए लिखा है कि अगर इस स्थिति में प्रधानमंत्री शांति से सो सकते हैं तो ऐसे में सराहना की जानी चाहिए.
संजय राउत ने अपने कॉलम में लिखा कि पीएम ने मध्य प्रदेश में सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई. अगर पीएम राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता का आनंद ले रहे हैं और अपनी सरकार का गठन करा सकते हैं तो कोई क्या कह सकता है. उन्होंने कहा है कि वे पूरे राष्ट्र के प्रधानमंत्री हैं. राष्ट्र राज्यों को साथ लाने के लिए बनता है.
गैर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों को दरकिनार करने की धारणा से उनकी सरकार देश के संघीय ढांचे को खत्म कर रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार बनी, कश्मीर में अस्थिरता है. पंजाब में किसान परेशान हैं.
मुंबई में मेट्रो परियोजना को रोका जा रहा है. केंद्र सरकार कंगना रनौत और अर्णब गोस्वामी को बचाने के लिए केंद्र सरकार सड़क पर है. उन्होंने आगे लिखा है कि अगर साजिश नहीं थमी तो भारत सोवियत संघ की तरह टूट जाएगा.
संजय राऊत ने अपने कॉलम में आगे लिखते हैं कि केंद्र सरकार के साथ विश्वास की कमी है. देश का लोकतंत्र कुछ लोगों के हाथ में है. यह भारतीय लोकतांत्रिक समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा है कि इस साल अंबानी और अडानी की संपत्ति में इजाफा हुआ है.
संजय राउत ने अपने कॉलम में कोरोना वायरस की महामारी का भी जिक्र करते हुए लिखा कि कोरोना के समय में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई और भारत ने अपनी संसद, लोकतंत्र की आत्मा को खो दिया. राम मंदिर जैसे भावनात्मक मुद्दे को उठाया जाता है, लेकिन सरकार को किसानों की भावनाओं की फिक्र नहीं. संसद में बहुमत के आधार पर तीन कृषि बिल पास किए गए. देश को कुछ लोगों के लाभ के लिए चलाया जा रहा है.