फिलिस्तीन में इज़रायली बस्तियों के खिलाफ अहम प्रस्ताव में भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया
ग़ाज़ा में इज़रायल बमबारी कर कहर बरपा रहा है। इज़रायल और हमास के बीच 37 दिनों से भीषण जंग जारी है। संयुक्त राष्ट्र की लाख कोशिशों के बावजूद इज़रायल सीजफायर के लिए तैयार नहीं हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी के मुताबिक, ग़ाज़ा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11,078 हो गई है। इनमें 4,506 बच्चे और 3,027 महिलाएं शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, करीब 1,500 बच्चों समेत 2,700 अन्य लोग लापता हैं। कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। 27,490 फिलिस्तीनी घायल हैं।
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बिजली कटौती और ऑक्सीजन आपूर्ति में रुकावट की वजह से अल-शिफा अस्पताल में 39 बच्चों की मौत का खतरा है। अन्य अस्पतालों पर भी हमले हो रहे हैं, फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट के प्रमुख ने कहा कि इज़रायल जानबूझकर अस्पतालों को निशाना बना रहा है।
सऊदी अरब द्वारा आयोजित एक अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन में गाजा में युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया गया और फिलिस्तीनियों के खिलाफ आत्मरक्षा के रूप में इज़रायल की कार्रवाई को उचित ठहराने को खारिज किया गया। वहीं दूसरी तरफ़ तेल अवीव में, हजारों लोगों ने इज़रायली हमले के विरुद्ध रैली निकाली। न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस, बगदाद, कराची, बर्लिन और एडिनबर्ग समेत दुनियाभर के शहरों में ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की मांग करते हुए बड़े मार्च आयोजित किए गए।
इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र में एक अहम प्रस्ताव पास हुआ है। यह प्रस्ताव फिलिस्तीन में इज़रायली बस्तियों के खिलाफ था। भारत ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। प्रस्ताव के समर्थन में 145 देशों ने मतदान किया। वहीं, प्रस्ताव के खिलाफ कनाडा, हंगरी, इज़रायल, मार्शल द्वीप, माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य, नाउरू और अमेरिका ने मतदान किया। वहीं, 18 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव में पूर्वी येरुशलम समेत फिलिस्तीनी क्षेत्र और कब्जे वाले सीरियाई गोलान में जिस तरह से समस्या का समाधान करने के लिए इज़रायल कदम उठा रहा, उसकी निंदा की गई थी। संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव ‘पूर्वी येरुशलम और कब्जे वाले सीरियाई गोलान समेत फिलिस्तीनी क्षेत्र में इज़रायली बस्तियां’ भारी बहुमत से पास हुआ। यूएन में प्रस्ताव पर मतदान की एक फोटो शेयर करते हुए टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है कि भारत गणराज्य ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
इज़रायल ने फिलिस्तीन में कई बस्तियां बना रखी हैं, जो अवैध कब्जे की तरह हैं। साकेत गोखले ने कहा कि इज़रायल का रंगभेद अब खत्म होना चाहिए।