ट्विटर से जानकारी मांगने में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंचा भारत, रिपोर्ट में सामने आई जानकारी
पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच सरकार की तरफ़ से अकाउंट की जानकारी के लिए सबसे ज़्यादा भारत की तरफ़ से मांग हुई है, पूरे विश्व से जानकारी के लिए आई मांग में भारत की 25% हिस्सेदारी है, माइक्रो ब्लागिंग साइट ने बुधवार को अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट वाले ब्लाग में कहा कि भारत सामग्री को हटाने की क़ानूनी मांगों की संख्या के हिसाब से भी जापान के बाद दूसरे स्थान पर है, भारत में नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पालन न करने को लेकर ट्विटर सरकार के निशाने पर रहा है।
कंपनी इस तरह की जानकारी देने के लिए साल में दो बार रिपोर्ट जारी करती है, ट्विटर ने कहा कि उसने दुनिया भर की सरकारों के इस तरह के अनुरोधों में से 30% के जवाब में कुछ या पूरी सूचना मुहैया कराई, सरकार की ओर से सूचना के अनुरोधों के मामले में अमेरिका दूसरे स्थान पर है, जिसकी हिस्सेदारी 22% है, ट्विटर ने बताया कि सामग्री को हटाने की क़ानूनी मांगों की संख्या की हिसाब से शीर्ष पांच देशों में क्रमश: जापान, भारत, रूस, तुर्की व दक्षिण कोरिया आते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-दिसंबर 2020 के दौरान, ट्विटर को 1 लाख 31 हज़ार 933 खातों को निर्दिष्ट करने वाली सामग्री को हटाने के लिए 38,524 कानूनी मांगें मिलीं, इन वैश्विक क़ानूनी मांगों के 29% के जवाब में ट्विटर ने कुछ या सभी रिपोर्ट की गई सामग्री को रोक दिया या अन्यथा हटा दिया, हालांकि पिछली रिपोर्टिंग अवधि की तुलना में ट्विटर को प्राप्त क़ानूनी मांगों की संख्या में 9% की कमी आई थी।
भारत सरकार की ओर से बार-बार कहने के बावजूद, नए IT नियमों का पालन करने में विफ़लता के कारण ट्विटर की आलोचना हुई थी, ट्विटर के भारत में अनुमानित 1.75 करोड़ उपयोगकर्ता हैं, ट्विटर ने हाल ही में एक मुख्य अनुपालन अधिकारी नामित करने के कुछ दिनों बाद एक रेजिडेंट शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है।