किसान आंदोलन के सामने बेबस नज़र आ रहे केंद्र की भाजपा सरकार को एक नई चिंता ने घेर लिया है। किसान आंदोलन के बहाने जिस तरह से विपक्ष ने पश्चिम यूपी की 50 सीटों पर असर रखने वाले जाटों के बीच पैठ बनाने की कोशिश है, उससे सतर्क हुई भारतीय जनता पार्टी अब काउंटर करने जा रही है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद खत्म होता सा नज़र आने आने लगा किसान आंदोलन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आंसुओं से जिस तरह से जाटों और किसानों के स्वाभिमान की लड़ाई में बदलता सा प्रतीत हुआ, उससे अलर्ट हुई बीजेपी ने अपने सभी जाट चेहरों को मैदान में उतारने का फैसला किया है।
भाजपा की ओर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के बीच जनसंपर्क अभियान की कमान केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान संभालेंगे। खास बात है कि जाटों की जिस खाप के संजीव बालियान हैं, उसी खाप से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह ने बुधवार को केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान के यहां आवास पर पश्चिमी यूपी के सभी जाट नेताओं की बैठक ली।
रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में कहा गया है कि किसान आंदोलन के बहाने विपक्ष राजनीतिक हित साधने में जुटा है। पिछले कई चुनावों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट भाजपा को वोट देते आए हैं और अब किसान आंदोलन के बहाने विपक्ष जाटों को पार्टी के खिलाफ भड़काने में जुटा है। ऐसे में जाटों के बीच जाकर यह बताना होगा कि न नए कानून किसानों के खिलाफ हैं और न ही पार्टी किसान हितों के खिलाफ है।
पश्चिम यूपी की सभी खापों में भाजपा पंचायतों के जरिए जनसंपर्क अभियान चलाएगी। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में यह भी कहा गया कि जगह-जगह पंचायतों के जरिए राकेश टिकैत जाटों का चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में भाजपा नेताओं को इस बारे में सोचना होगा।
एक भाजपा नेता के अनुसार ‘गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किसान आंदोलन के बहाने विपक्ष की साजिशों से पार्टी नेताओं को सावधान किया। इसी कड़ी में इस बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों के बीच व्यापक जनसंपर्क की रणनीति बनाई गई है। भाजपा के सभी सांसद, विधायक और मंत्री जनसंपर्क अभियान तेज करेंगे। जाटों और किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाए जाएंगे।’