‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त के भाषण के लिए सुझाव मांगे

‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त के भाषण के लिए सुझाव मांगे

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी लेने की अपील करते हुए कहा कि ‘हर घर तिरंगा अभियान’ तिरंगे की शान का एक अनूठा उत्सव बन गया है। पीएम मोदी ने कहा कि, 15 अगस्त दूर नहीं है और अब तो 15 अगस्त के साथ एक और अभियान का जुड़ाव हो गया है, ‘हर घर तिरंगा अभियान’। पिछले कुछ वर्षों से पूरे देश में ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए हर कोई उत्साहित रहता है। गरीब हो, अमीर हो, छोटा घर हो या बड़ा घर, हर कोई तिरंगा फहराकर गर्व महसूस करता है। तिरंगे के साथ सेल्फी लेने और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का जोश भी दिखाई देता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आपने देखा होगा कि जब किसी कॉलोनी या सोसाइटी के हर घर पर तिरंगा लहराता है तो जल्दी ही दूसरे घरों पर भी तिरंगा नजर आने लगता है। यानी ‘हर घर तिरंगा अभियान’ – तिरंगे की शान में एक अनूठा उत्सव बन गया है। अब इस सिलसिले में तरह-तरह की नवाचार होने लगी हैं। जैसे-जैसे 15 अगस्त करीब आता है, घरों, दफ्तरों और कारों में तिरंगा लगाने के लिए तरह-तरह की वस्त्र और सामग्रियां नजर आने लगती हैं। कुछ लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों में तिरंगा भी बांटते हैं। यह खुशी, तिरंगे के बारे में यह जोश हमें एक-दूसरे से जोड़ता है।”

श्रोताओं से अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले की तरह इस साल भी आप ‘हर घर तिरंगा.कॉम’ पर तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी जरूर अपलोड करें। एक और बात याद दिलाना चाहता हूं, हर साल 15 अगस्त से पहले आप मुझे अपने बहुत से सुझाव भेजते हैं। आप मुझे इस साल भी अपने सुझाव जरूर भेजें। आप माय जीओवी या नमो ऐप पर भी अपनी सुझाव भेज सकते हैं। मैं 15 अगस्त को अपने भाषण में अधिकतम सुझावों को शामिल करने की कोशिश करूंगा।”

‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ल्ड टाइगर डे के अवसर पर कहा कि भारत में शेरों के संरक्षण के लिए अद्वितीय प्रयास किए जा रहे हैं और देश में हर साल शेरों की संख्या में वृद्धि हो रही है। मोदी ने कहा, “दुनिया में 70% शेर भारत में पाए जाते हैं और यह जानवर भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। देश के जंगलों के आसपास के गांवों में लोग रहते हैं, इसके बारे में जानकारी लें। सवाल यह है कि शेरों के साथ कैसे रहना है।” इस संदर्भ में उन्होंने विशेष रूप से रणथंभौर (राजस्थान), महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व, आंध्र प्रदेश में नल्लामलाई की पहाड़ियों पर रहने वाले ‘चेंचु’ जनजाति और पीलीभीत में चल रहे ‘बाघ मित्रा’ कार्यक्रम का उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, भारत में ‘टाइगर हमारी संस्कृति का एक आवश्यक हिस्सा रहा है। हम सभी शेरों से संबंधित कहानियां सुनते हुए बड़े हुए हैं। जंगल के आसपास के गांवों में हर कोई जानता है कि कैसे शेर के साथ सामंजस्य से रहना है। हमारे देश में ऐसे बहुत से गांव हैं जहां इंसानों और शेरों के बीच कभी कोई झगड़ा नहीं होता।” प्रधानमंत्री के अनुसार, “मुझे खुशी है कि जन भागीदारी शेरों के संरक्षण में बहुत सहायक साबित हो रही है। ऐसी कोशिशों की वजह से भारत में शेरों की आबादी हर साल बढ़ रही है। आपको यह जानकर खुशी और गर्व महसूस होगा कि दुनिया के सभी शेरों में से 70% हमारे देश में हैं और देश के विभिन्न हिस्सों में शेरों की बहुत सी अभयारणाएं हैं।”

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