अगर चुनाव बाद सत्ता में आएं, गौतम अदाणी की फर्म को दिए गए धारावी प्रोजेक्ट को रद्द कर देंगे: उद्धव ठाकरे
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आती है तो उनकी सरकार मुंबई में धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना के टेंडर को रद्द कर देगी। धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए दी जा रही रियायतों का विरोध करते हुए, उद्धव ठाकरे ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि क्या यह धारावी पुनर्विकास है या लड़का मित्र योजना हम अतिरिक्त छूट नहीं देंगे और यदि आवश्यक हो, तो सत्ता में आने के बाद नए सिरे से निविदा बुलाएंगे।
हालांकि महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि करोड़ों रुपये की धारावी स्लम पुनर्विकास परियोजना में अडानी समूह को नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार के विभागों को भूमि ट्रांसफर शामिल है। अहमदाबाद स्थित समूह प्रोजेक्ट डेवलपर के रूप में, घरों का निर्माण करेगा जिन्हें आवंटन के लिए उन्हीं विभागों को सौंप दिया जाएगा। लेकिन यह डेवलपर अप्रत्यक्ष रूप से अडानी समूह के लिए काम करता है। धारावी प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस की राय भी उद्धव ठाकरे से मिल रही है। राजस्व विभाग की बजटीय मांगों पर महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया था कि धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना एक “बड़ा घोटाला” है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से इस पर एक व्हाइट पेपर की मांग की।
धारावी पुनर्विकास परियोजना एक बड़ा घोटाला है: चव्हाण
चव्हाण ने कहा कि अक्टूबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बदलते ही पूरी परियोजना को रद्द कर दिया जाएगा। धारावी मुंबई का सबसे बड़ा स्लम समूह है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी), दोनों विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, अडानी समूह द्वारा क्रियान्वित की जा रही बहु-अरब डॉलर की धारावी पुनर्विकास परियोजना का विरोध कर रहे हैं। धारावी पुनर्विकास परियोजना एक बड़ा घोटाला है और राज्य सरकार को एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, अन्यथा जब अक्टूबर में अगली सरकार सत्ता में आएगी तो पूरी परियोजना को रद्द कर दिया जाएगा।
धारावी मुंबई का सबसे बड़ा स्लम समूह है। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी), दोनों विपक्षी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं। दोनों दल अडानी समूह द्वारा क्रियान्वित की जा रही कई अरब डॉलर के धारावी पुनर्विकास परियोजना का विरोध कर रहे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने पूछा है कि क्या हाल ही में धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए कुर्ला में डेयरी भूमि सौंपने का उल्लेख मूल टेंडर में किया गया है। उन्होंने कहा, ”इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि धारावी पुनर्विकास के लिए कौन सी सरकारी जमीन दी जा रही है…देवनार, मुलुंड, साल्ट पैन भूमि का कहीं कोई जिक्र टेंडर में नहीं है।”
कांग्रेस का कहना है कि ”इसकी जांच होनी चाहिए कि सरकार के राजस्व का कितना नुकसान हुआ है।” उन्होंने दावा किया कि सरकारी जमीन उद्योगपतियों को बहुत कम कीमत पर दी जा रही है और सरकार को मिलने वाला सारा राजस्व माफ कर दिया गया है। उद्धव ठाकरे की यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का पुराना ट्वीट देखिए- “एक उद्योगपति के नए युग के गुलामों/गुलामों से मिलें।”
सरकार बनने के बाद दोबारा टेंडर बुलाएंगे
उद्धव ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में सरकार द्वारा धारावी पुनर्विकास को दिए जा रहे रियायतों का विरोध किया और कहा कि हम ऐसा होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि क्या यह धारावी पुनर्विकास योजना है या लाड़का मित्र योजना? ठाकरे ने कहा कि हम अतिरिक्त छुट नहीं देगे और यदी आवश्यक हो तो, सरकार बनने के बाद दोबारा टेंडर बुलाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि धारावी के निवासियों और उनके व्यवसायों को उजाड़ा न जाए।
उन्होंने कहा कि वहां रहने वाले लोगों को इलाके में ही 500 वर्ग फुट के घर दिए जाने चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सत्ता में आने के बाद हम धारावी झुग्गी बस्ती पुनर्विकास परियोजना की निविदा को रद्द कर देंगे। सरकार को जवाब देना चाहिए कि इसे अभी क्यों नहीं रद्द किया जाना चाहिए। हम मुंबई को अदाणी नगर नहीं बनने देंगे।” ठाकरे ने दावा किया कि दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में से एक धारावी के पुनर्विकास की परियोजना में अदाणी समूह को ऐसी अतिरिक्त रियायतें दी गई हैं, जो अनुबंध में निर्दिष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम अतिरिक्त रियायतें नहीं देंगे। हम यह देखेंगे कि धारावी के निवासियों के लिए क्या अच्छा है और अगर जरूरत पड़ी तो हम एक नई निविदा जारी करेंगे।”