अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे हुए, तो इसकी जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की होगी: ममता
पश्चिम बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘पक्ष’ लेने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की और चेतावनी दी कि यदि राज्य में एक भी दंगा हुआ तो वह आयोग के कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर देंगी। अलीपुरद्वार में एक रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर मुर्शिदाबाद के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) को हटाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज भी, केवल भाजपा के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के डीआईजी को बदल दिया गया। अब अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। भाजपा दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती है। अगर एक भी दंगा होता है, तो इसके लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून-व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं।”
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह 55 दिन तक निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं (सिंगुर में भूमि अधिग्रहण विरोधी प्रदर्शन के दौरान)किसानों के लिए 26 दिनों तक अनशन कर सकती हूं, तो मैं आपके कार्यालय के बाहर 55 दिनों तक भूख हड़ताल भी कर सकती हूं।’’
बनर्जी ने विपक्षी नेताओं को जेल भेजने की धमकी देने के लिए बीजेपी की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देखूंगी कि आपके पास कितनी जेल हैं। आपके पास कितने पुलिसकर्मी हैं? आप कितने लोगों को पीटेंगे? मुझ पर कई बार हमला हुआ है। मुझे पता है कि कैसे लड़ना है। मैं कायर नहीं हूं।’’
दिन में इसके पहले कूच बिहार में एक रैली को संबोधित करने के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयकर अधिकारियों को उन हेलीकॉप्टर की जांच करने की चुनौती दी, जिनका इस्तेमाल चुनाव प्रचार करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कर रहे हैं।
ममता का यह बयान तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उस दावे को लेकर उपजे विवाद के बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि पार्टी नेता अभिषेक बनर्जी द्वारा इस्तेमाल किए गए हेलीकॉप्टर को निशाना बनाकर आयकर अधिकारियों द्वारा ‘छापा’ मारा गया।