पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं हुई तो लोकसभा चुनाव से पहले वोट फॉर ओपीएस अभियान चलाएंगे: एनएमओपीएस
सरकारी कर्मचारियों को नयी पेंशन योजना घाटे का सौदा लग रहा है। यही वजह है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर देशभर के सरकारी कर्मचारी रविवार को दिल्ली में जुटे। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम यानी एनएमओपीएस के नेता विजय कुमार बंधु ने कहा कि विरोध प्रदर्शन इसलिए हुआ क्योंकि ‘हमारी टीम का मानना था कि अगर केंद्र सरकार ओपीएस को मंजूरी दे देती है, तो इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर नहीं होगी।
एक बयान में एनएमओपीएस ने कहा कि अगर केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को बहाल नहीं करती है, तो वे आगामी लोकसभा चुनाव से पहले इसकी बहाली की मांग के लिए वोट फॉर ओपीएस नामक एक अभियान चलाएंगे। कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, बहुजन समाज पार्टी के सांसद श्याम सिंह यादव सहित कई विपक्षी नेता भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
ओल्ड पेंशन स्कीम को सबसे ज्यादा हवा कांग्रेस पार्टी की तरफ से दी जा रही है। हाल ही में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में सरकार में आते ही ओल्ड पेंशन को लोगू करने का वादा किया था। इसके पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़, जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, इसको लागू कर चुके हैं। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने तो यहां तक कह दिया है कि ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने में जो खर्च आएगा उसे हम अपने खर्चे से पूरा करेंगे, केंद्र सरकार पैसा दे या फिर न दे।
कांग्रेस पार्टी ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया और कहा, ‘पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है।’ पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से देश की सेवा करने वाले श्रमिकों के सम्मान के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की।
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। हालांकि, इस स्कीम को 1 अप्रैल 2004 में बंद करके इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना से बदल दिया गया।