अगर जनादेश मिला, तो ‘इंडिया’ गठबंधन 48 घंटे के भीतर करेगा पीएम का चयन: जयराम

अगर जनादेश मिला, तो ‘इंडिया’ गठबंधन 48 घंटे के भीतर करेगा पीएम का चयन: जयराम

लोकसभा चुनाव के 5 चरण संपन्न हो चुके हैं। अब अंतिम चरण को लेकर सभी राजनीतिक दल अपना पूरा जोर लगाने में जुटे हैं। हालांकि, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपनी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। वहीं, विपक्षी गुटों के दल INDIA गठबंधन में पीएम फेस को लेकर अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। हालांकि, अब सबसे पुरानी पार्टी के एक नेता ने साफ कर दिया है कि आखिर विपक्षी गठबंधन जीतता है तो कौन पीएम बनेगा और इसे तय करने में कितना समय लगेगा।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस लोकसभा चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन ‘‘स्पष्ट एवं निर्णायक जनादेश’’ हासिल करेगा और नतीजों के 48 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री का चयन कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री के चयन और नेतृत्व को लेकर कांग्रेस की दावेदारी से जुड़े सवाल पर रमेश ने कहा, ‘‘2004 में चुनाव नतीजे 13 मई को आए थे और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन का गठन 16 मई को हुआ था। मनमोहन सिंह का नाम 17 मई को सामने आया था। इस बार मुझे नहीं लगता कि 48 घंटे भी लगेंगे।’

सात चरणों में हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) को निचले सदन में बहुमत के लिए जरूरी 272 से अधिक सीटें मिलेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब ‘इंडिया गठबंधन’ पार्टी को जनादेश मिलेगा, तब एनडीए के कुछ दल गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जाहिर करेंगे। हालांकि, उस समय कांग्रेस आलाकमान को फैसला करना होगा कि उन्हें गठबंधन में शामिल करना है या नहीं।

यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू जैसे बीजेपी के सहयोगियों के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन के दरवाजे खुले रहेंगे, कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार पलटी के उस्ताद हैं। चंद्रबाबू नायडू 2019 में कांग्रेस के साथ थे। मैं बस इतना ही कहूंगा कि जब ‘इंडिया जनबंधन’ के घटक दलों को जनादेश मिलेगा, तो ‘इंडिया’ में एनडीए के कुछ घटक भी शामिल हो सकते हैं।’’

इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘ कांग्रेस आलाकमान खड़गे, सोनिया और राहुल गांधी को फैसला करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन और एनडीए में सिर्फ दो शब्दों का फर्क है। ‘इंडिया’ से दो ‘आई’ निकाल देने पर एनडीए बचेगा। इन दो आई का मतलब ‘इंसानियत’ और ‘ईमानदारी’ है। जिन पार्टियों में इंसानियत और ईमानदारी है वो इंडिया गठबंधन में शामिल हैं।’’

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