अगर संसद सुरक्षा मामले में गृहमंत्री बयान नहीं देते तो यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं: खड़गे
संसद सुरक्षा चूक की घटना पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “यह गंभीर मामला है और इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। हम सदन में बार-बार कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री आकर बयान दें लेकिन वे वहां नहीं आना चाहते और बयान नहीं देना चाहते…यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है।”
खड़गे ने अपने पत्र में लिखा “13 दिसंबर 2023 को लोकसभा चैंबर और संसद परिसर में हुई संसद की सुरक्षा का उल्लंघन हाल के दिनों में अद्वितीय एक बहुत ही गंभीर मामला है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मैं तमाम राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं के साथ परामर्श कर रहा हूं।
संसद में यह विचार आया है कि यह मामला इतना महत्वपूर्ण है कि इसे काउंसिल ऑफ स्टेट्स (राज्यसभा) के नियमों और प्रक्रिया के नियम 267 के तहत उठाया जाना चाहिए। जब तक गृहमंत्री अमित शाह इस मामले पर बयान नहीं देते और उसके बाद नियम 267 के तहत चर्चा नहीं होती, तब तक सदन में कोई अन्य कार्य करने या यहां तक कि किसी अन्य बैठक आयोजित करने का अवसर नही है।
इससे पहले विपक्षी नेताओं ने संसद सुरक्षा मामले को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता से मुलाकात की। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने दोनों सदनों में सुरक्षा उल्लंघन को जोरदार तरीके से उठाने का फैसला किया है। अधीर रंजन चौधरी ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा “सदस्यों को नए संसद भवन में स्थानांतरित करने से पहले उचित सुरक्षा व्यवस्था की जानी चाहिए थी।
इतने बड़े सुरक्षा उल्लंघन के बावजूद, न तो प्रधानमंत्री और न ही गृहमंत्री ने कोई बयान दिया है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। एक भयावह खुफिया की जानकारी थी। पीएम मोदी और अमित शाह हमारे सांसद को इस बाबत अवगत करा सकते थे। अगर वे संसद में सदस्यों को सुरक्षित नहीं कर सकते, तो वे देश की सुरक्षा का आश्वासन कैसे दे सकते हैं? हम बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाते रहे हैं।