अगर फडणवीस में हिम्मत है तो जस्टिस चांदीवाल की रिपोर्ट जनता के सामने सार्वजनिक करें: अनिल देशमुख

अगर फडणवीस में हिम्मत है तो जस्टिस चांदीवाल की रिपोर्ट जनता के सामने सार्वजनिक करें: अनिल देशमुख

मुंबई: पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और वर्तमान गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच गंभीर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू है। एक बार फिर अनिल देशमुख ने मीडिया से बातचीत के दौरान फडणवीस को निशाना बनाते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस के लिए आतंकवाद और दो हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों का कमजोर सहारा लेकर राजनीतिक प्रतिशोध लेने की नौबत आ गई है।

जस्टिस चांदीवाल ने 3 साल पहले परमबीर सिंह और सचिन वाझे द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोपों की 11 महीने तक जांच की। इस जांच के दौरान आतंकवादी और दो हत्या के आरोपी सचिन वाझे ने अदालत में होने वाली जिरह में स्पष्ट रूप से कहा था कि अनिल देशमुख और न ही उनके किसी पीए ने मुझसे पैसे मांगे और न ही मैंने उन्हें पैसे दिए।

अनिल देशमुख ने आरोप लगाते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस आतंकवाद और दो हत्या के आरोपी के जरिए मुझ पर आरोप लगाकर राजनीतिक प्रतिशोध लेना चाहते हैं। अनिल देशमुख ने आगे कहा कि जस्टिस चांदीवाल की अदालत ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को भी अदालत में तलब किया था लेकिन छह बार समन भेजने के बाद भी जब वह नहीं आए तो आखिरकार अदालत को गिरफ्तारी वारंट जारी करना पड़ा जिसके बाद परमबीर सिंह ने एक वकील के जरिए अदालत में हलफनामा देकर कहा था कि मैंने अनिल देशमुख पर सुनी-सुनाई बातों के आधार पर आरोप लगाए और मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है।

जस्टिस चांदीवाल ने दो साल पहले मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की 1400 पृष्ठों की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी है लेकिन दो साल से राज्य सरकार इस रिपोर्ट को जनता के सामने नहीं ला रही है। इसके लिए मैंने कई बार देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर उनसे जस्टिस चांदीवाल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का अनुरोध किया है। दो साल पहले जब यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई थी, सभी प्रमुख समाचार पत्रों में यह सुर्खियां बनी थीं कि जस्टिस चांदीवाल की रिपोर्ट में अनिल देशमुख को “क्लीन चिट” दी गई है।

अनिल देशमुख ने फडणवीस पर आरोप लगाते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस इस रिपोर्ट को छिपा रहे हैं, क्योंकि मुझे इस रिपोर्ट में क्लीन चिट दी गई है। सचिन वाझे जो आतंकवादी है और दो हत्या के मामले में आरोपी है, अब देवेंद्र फडणवीस के कहने पर तीन साल पुराना आरोप मुझ पर लगा रहा है। उस समय मुझे जमानत देते हुए हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सचिन वाझे पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि वह दो हत्या का आरोपी है और आपराधिक मानसिकता रखता है।

जस्टिस चांदीवाल की अदालत में जब मेरे वकील ने वाझे से जिरह की तो उसने स्पष्ट किया कि न तो अनिल देशमुख ने और न ही उनके किसी पीए और दफ्तरी कर्मचारियों ने पैसे मांगे और न ही मैंने दिए। इस मौके पर अनिल देशमुख ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर देवेंद्र फडणवीस में हिम्मत है तो उन्हें जस्टिस चांदीवाल की 3 साल पहले मुझ पर लगाए गए आरोपों की जांच रिपोर्ट सरकार को पेश करनी चाहिए और उसे जनता के सामने लाना चाहिए।

इसी दौरान नागपुर शहर में बीजेपी युवा मोर्चा ने अनिल देशमुख और फडणवीस की तस्वीरों वाली होर्डिंग्स लगाई हैं जिसमें फडणवीस को विकास का अग्रदूत बताया गया जबकि अनिल देशमुख के फोटो के नीचे ‘वसूली बुद्धि’ लिखा गया है। अनिल देशमुख ने एक्स पर इसकी निंदा की है।

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