मैं सांप्रदायिक और दमनकारी ताकतों के सामने कभी नहीं झुका: लालू प्रसाद
बिहार: ऐसे समय में जब ‘इंडिया गठबंधन’ के दल पाला बदल कर एनडीए में शामिल हो गए हैं और कांग्रेस की विभिन्न इकाइयों के वरिष्ठ नेता भाजपा में चले गए हैं, और ऐसा आभास हो रहा है कि एक बार फिर भाजपा की लहर चल रही है और संसदीय चुनाव में बीजेपी को हराना संभव नहीं होगा। ऐसी सूरते हाल में देश के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने खास अंदाज में भविष्यवाणी करते हुए कहा कि, ”नेताओं के इधर-उधर जाने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि, लोग मोदी सरकार से बहुत नाराज हैं।
द वायर द्वारा प्रकाशित देश के वरिष्ठ पत्रकार नलिन वर्मा के साथ एक साक्षात्कार में, लालू प्रसाद यादव ने कहा कि. जनता ग़रीबी और बेपनाह महंगाई से जूझ रही है। उनकी आवाज को दबाया जा रहा है और बेवजह बल प्रयोग कर उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को छीना जा रहा है। गरीबों, युवाओं, पिछड़े वर्गों, दलित और अल्पसंख्यकों को सबसे ज्यादा अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थितियों में पाला बदलने वाले नेताओं और दलों को आईना दिखाते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि ‘जब जनता अपने जीवन में सबसे कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही है, तो उन्हें अकेला छोड़ना किसी भी राजनीतिक दल का सबसे बड़ा पाप है।’
बिहार में नीतीश कुमार, यूपी में जयंत चौधरी और महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण के बाद यह लालू प्रसाद यादव का पहला इंटरव्यू है। बिहार में नीतीश के एनडीए में शामिल होने के सवाल पर लालू प्रसाद यादव ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा, ”वह आदतन भगोड़े हैं। वे अपनी आदत से मजबूर हैं। जनता उन्हें समझ चुकी है और कड़ी सजा देगी। देश की मौजूदा स्थिति में विपक्ष की जिम्मेदारियों पर जोर देते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”जब देश की जनता सबसे बुरी स्थिति से जूझ रही है तो विपक्षी दलों और नेताओं का कर्तव्य है कि वे उनके अधिकारों के लिए खड़े हों।
उन्होंने आगे कहा कि, मैं सांप्रदायिक और दमनकारी ताकतों के सामने कभी नहीं झुका हूं और मैं भविष्य में भी कभी नहीं झुकूंगा, चाहे मेरे सामने कैसी भी चुनौती हो। अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन के बाद देश में “मोदी लहर” के बारे में पूछे जाने पर, लालू ने कहा, “यह सब बकवास है।”