मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो भाजपा 240 सीट के आसपास भी पहुंच पाती: राहुल गांधी

मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो भाजपा 240 सीट के आसपास भी पहुंच पाती: राहुल गांधी

अमेरिका: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में स्थित जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी पहुंचे। यहां पर उन्होंने छात्रों के साथ संवाद किया। वो अलग-अलग कार्यक्रमों में जाकर स्टूडेंट्स से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस नेता, NDA सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर लगातार हमलावर हैं। राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों से पहले, हम इस विचार पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है। आरएसएस ने शिक्षा प्रणाली पर कब्जा कर लिया है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस लीडर के मुताबिक इस बार के लोकसभा चुनाव निष्पक्ष तरीके से नहीं हुए थे। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक उन्होंने कहा,

चुनाव आयोग वही कर रहा था, जो वे (BJP) चाहते थे। पूरा अभियान इस तरह से बनाया गया था कि नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम करें। जिन राज्यों में वे (बीजेपी) कमजोर थे, उन्हें उन राज्यों से अलग डिजाइन किया, जहां वे मजबूत थे। मैं इसे स्वतंत्र चुनाव के रूप में नहीं देखता। मैं इसे नियंत्रित चुनाव के रूप में देखता हूं। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो भाजपा 240 सीट के आसपास भी पहुंच पाती। उनके पास बहुत बड़ा आर्थिक लाभ था। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे। राहुल गांधी ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव में बीजेपी 240 के करीब पहुंचती।

मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “भारत भाषाओं, परंपराओं, धर्म का एक संघ है। जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थानों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं। यह भारत की प्रकृति है। बीजेपी और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे सोचते हैं कि भारत एक अलग-अलग चीजों का पूरा समूह। मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता। मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता, कई क्षणों में मैं उनके प्रति सहानुभूति रखता हूं।”

दलित, OBC, आदिवासी को उनका अधिकार नहीं मिल रहा है
राहुल गांधी ने कहा, “भारत के दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है. देश के 90% आबादी वाले OBC, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं। हम समझना चाहते हैं कि उनकी सामाजिक और वित्तीय स्थिति कैसी है। टॉप 200 बिजेनस की लिस्ट देखिए. 90% लोगों का कहीं भी हिस्सा नहीं है। देश के सर्वोच्च न्यायालय में देखिए, वहां भी उनकी कोई भागीदारी नहीं है। मीडिया में देखिए, वहां निचली जातियां, OBC, दलित हैं ही नहीं। हम में से ज्यादातर जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं।

अडानी और अंबानी को भारत में हर एक व्यवसाय नहीं चलाना चाहिए
उन्होंने कहा, “हम (INDIA गठबंधन) इस बात से सहमत हैं कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। हममें से अधिकांश लोग जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं, दो व्यवसायी अडानी और अंबानी को भारत में हर एक व्यवसाय नहीं चलाना चाहिए। हमने फिर से सरकारें चलाई हैं और फिर से गठबंधन का उपयोग करके सफल रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हम इसे फिर से कर सकते हैं। यह INDI गठबंधन नहीं है जो भाजपा बता रही है। यह INDIA गठबंधन है। गठबंधन का पूरा विचार लोगों के सामने रखना था कि भारत पर हमला किया जा रहा है और यह बहुत सफल रहा।”

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