मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं, पार्टी कार्यकर्ता हूं: शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश में जल्दी ही विधायक दल की बैठक होगी जिसमें भाजपा के निर्वाचित विधायक अपने नेता का चुनाव करेंगे और फिर पार्टी उसे मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री घोषित कर देगी। इस दौड़ में सबसे तेज नाम वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है क्योंकि उनकी सरकार की लाड़ली बहना सहित कई अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं में भाजपा की बंपर जीत (163 सीट ) में महत्वपूर्व भूमिका निभाई है। हालाँकि पार्टी ने उनके चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा, उनकी जगह पीएम मोदी ने उन्हें देखकर वोट देने की अपील जनता से की और मोदी की गारंटी पर समर्थन माँगा।
मप्र में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सवाल खड़ा होने लगा है ? आखिर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर पार्टी के अंदर मंथन जारी है। भोपाल से लेकर बैठकों का दौर जारी है। भाजपा के सभी केंद्रीय पदाधिकारी और मंत्री दिल्ली में हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं हूँ।
‘शिवराज सिंह ने आज एक वीडियो जारी कर कहा कि वो सीएम पद की रेस में नहीं है। शिवराज ने कहा, ”न मैं पहले सीएम पद का दावेदार था, न अब हूं। मैं सिर्फ पार्टी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी जो भी पद या जिम्मेदारी देगी, मैं उसे निभाऊंगा।” इससे पहले सोमवार देर रात उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था कि सफलता के पीछे बहुत सारी चीजें होती हैं, बहुत सारे लोग एक लक्ष्य के लिए काम करते हैं। कुछ पर्दे के पीछे अपनी भूमिका निभाते हैं। जीत की पटकथा लिखने में कई हाथों का योगदान होता है, इस विजय यात्रा के सभी ध्येयशील सहयोगियों को हृदय से धन्यवाद।
किसान परिवार में पैदा हुए शिवराज सिंह चौहान ने सबसे लंबे समय यानी 16 साल 9 महीने तक लगातार मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर रहने का इतिहास रचा है। वह चार बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं और अब फिर से एक बार वह राज्य की कमान संभाल सकते हैं। सीएम दावेदारों की सूची में शिवराज का नाम टॉप पर है।