दिल्ली में इज़रायल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता हिरासत में

दिल्ली में इज़रायल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता हिरासत में

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान जाने-माने अर्थशास्त्री जीन ड्रेज़, मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान, और कम्युनिस्ट पार्टी की नेता एनी राजा समेत कई अन्य लोगों को हिरासत में लिया। यह कार्यकर्ता ग़ाज़ा में जारी हिंसा के खिलाफ युद्ध-विराम की मांग करते हुए और भारत सरकार से इज़रायल के साथ सभी तरह के संबंध तोड़ने की अपील करते हुए इज़रायली दूतावास की ओर मार्च कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने पहले ही पुलिस को अपने विरोध प्रदर्शन की जानकारी दी थी, लेकिन फिर भी उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

कुछ भारतीय निजी और सार्वजनिक कंपनियां ग़ाज़ा नरसंहार में इज़रायल के साथ खड़ी हैं
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व करने वाले इंडिया फॉर पलेस्टाइन कलेक्टिव ने अपने बयान में कहा कि मोदी सरकार और कुछ भारतीय निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां ग़ाज़ा में हो रहे नरसंहार में इज़रायल के साथ खड़ी हुई हैं। उनके अनुसार, भारत के कुछ प्रमुख उद्योगपतियों और कंपनियों का इज़रायल के साथ सैन्य सहयोग न केवल मानवाधिकारों के खिलाफ है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन करता है।

प्रदर्शनकारियों ने अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि ऐसी और भी कंपनियां हैं जो इज़रायल के साथ रक्षा समझौते कर रही हैं, जैसे म्यूनिशन्स इंडिया और प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स। उनका कहना है कि भारत सरकार ने न केवल इज़रायल को हथियार बेचे हैं, बल्कि भारतीय मजदूरों को भी इज़रायल भेजकर उनके जीवन को खतरे में डाला है।

उन्होंने उन समझौतों का भी जिक्र किया जिनके तहत भारत ऐसे देशों को हथियार नहीं बेच सकता जो युद्ध अपराधों में शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इज़रायल द्वारा इन हथियारों का इस्तेमाल फिलिस्तीन के खिलाफ युद्ध अपराध करने के लिए किया जा सकता है, जो कि अत्यंत निंदनीय है। प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि अगर भारत सरकार युद्ध अपराधियों के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग करती है, तो उसे भी इन अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

इज़रायल को हथियारों की आपूर्ति बंद करने की मांग
उन्होंने मोदी सरकार से तुरंत इज़रायल को हथियारों की आपूर्ति बंद करने और इज़रायल के साथ सभी आधिकारिक संबंध खत्म करने की मांग की है। साथ ही, इंडिया फॉर पलेस्टाइन कलेक्टिव ने सभी भारतीय नागरिकों से उन कंपनियों का बहिष्कार करने की अपील की है जो इज़रायल के फिलिस्तीन पर अवैध कब्जे का समर्थन करती हैं।

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