हिंदू धर्म केवल दलितों-पिछड़ों को फंसाने का जाल: स्वामी प्रसाद मौर्य

हिंदू धर्म केवल दलितों-पिछड़ों को फंसाने का जाल: स्वामी प्रसाद मौर्य

बसपा छोड़ भाजपा और फिर भाजपा छोड़ सपा में आने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। वह आजकल लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो विवादों का कारण बन सकता है। अब उनका एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि हिंदू धर्म नाम का कोई धर्म ही नहीं है। हिंदू धर्म केवल धोखा है।

उन्होंने कहा कि ब्राह्मणवाद की जड़ें काफी गहरी हैं और ब्राह्मण धर्म को ही हिंदू धर्म कहा जा रहा है। हिंदू धर्म दरअसल, पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। हिंदू अगर एक धर्म होता तो वहां दलितों और पिछड़ों का भी सम्मान होता।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया है। इस दौरान सपा नेता ने राष्ट्रपति पर भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम लोग भले ही पागल होकर के हिंदू धर्म के लिए मरें पर ब्राह्मणवादी व्यवस्था के चालाक लोग हमें आदिवासी मानते हैं। ऐसा ही व्यवहार भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ हुआ। दलित होने के कारण उन्हें मंदिर में जाने से रोका गया।

इसी तरह अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री पद से हटने पर मुख्यमंत्री आवास और कालिदास मार्ग को गौमूत्र से पवित्र किया गया था क्योंकि वो पिछड़े समाज से आते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा आंबेडकर और ज्योतिबा फुले जैसे हमारे महापुरूषों ने एक लंबा संघर्ष किया जिसका नतीजा है कि आज हजारों साल की गुलामी से निजात पाकर हम सम्मान और स्वाभिमान के रास्ते पर चल पड़े है।

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