केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका हाईकोर्ट से ख़ारिज

केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका हाईकोर्ट से ख़ारिज

शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल की ओर से दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए उनकी गिरफ्तारी को वैध बताया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं।

इस मामले में फैसला पढ़ते हुए अदालत ने कहा- ईडी के सबूत में हवाला डीलरों, आप के एक सदस्य आदि के बयान शामिल हैं। फैसले में नामों का खुलासा नहीं किया गया है। इस अदालत का मानना ​​है कि ईडी पर्याप्त सामग्री, अप्रूवरों के बयान के मद्देनजर यह बताने में सक्षम है कि उसे गोवा चुनाव के लिए पैसे दिए गए थे। यह गोवा चुनाव के लिए भेजे गए धन से संबंधित मनी ट्रेल को पूरा करता है।

बता दें कि 21 मार्च को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने केजरीवाल को अरेस्ट किया था। इसके बाद उन्होंने गिरफ्तारी और 22 मार्च को ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड के आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में केजरीवाल ने गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध बताया था। 3 अप्रैल को मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने फैसला सुनाया। जानिए कोर्ट ने क्या कहा…

1-सरकारी गवाह बनाया जाए या नहीं, ये कोर्ट तय करता है.
2-सरकारी गवाह का बयान जज के सामने लिखा जाता है.
3-सीएम और आम आदमी के लिए कानून बराबर होता है.
4-दस्तावेज के मुताबिक केजरीवाल साजिश में शामिल हैं.
5-सार्वजनिक पद पर बैठे लोगों की भी जिम्मेदारी होती है.
6-कोर्ट नहीं मानता कि चुनाव की वजह से केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है.
7-विवाद केंद्र सरकार और दिल्ली के सीएम के बीच नहीं.
8-ये विवाद केजरीवाल और ईडी के बीच है.
9-कोर्ट पर बाहरी या राजनीतिक वजहों का प्रभाव नहीं.
10-ईडी के पास पर्याप्त सबूत हैं, दस्तावेज के मुताबिक ईडी सही है.

दिल्ली हाईकोर्ट के मंगलवार के फैसले से साफ हो गया कि आम आदमी पार्टी प्रमुख 15 अप्रैल तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहेंगे। ईडी जिसके पास केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी हिरासत थी, ने अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की, लेकिन उनकी रिहाई के खिलाफ तर्क दिया। ईडी ने कोर्ट में आरोप लगाया कि आप नेता कई पूछताछ सत्रों के दौरान “असहयोग” कर रहे थे। ईडी ने केजरीवाल को घोटाले का “किंगपिन” करार दिया है।

3 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के “समय” पर सवाल उठाया था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है क्योंकि इससे आगामी लोकसभा चुनाव में समान अवसर मिलने में बाधा उत्पन्न होगी। आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी के समय को चुनौती देने वाली केजरीवाल की दलीलों पर अदालत ने मंगलवार को कहा-

ईडी ने इसके जवाब में कहा था- “अगर आम आदमी ने अपराध किया है तो उसे सलाखों के पीछे जाना होता है लेकिन क्योंकि आप एक मुख्यमंत्री हैं इसलिए आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? आप देश को लूट लेंगे लेकिन कोई आपको छू नहीं सकता क्योंकि चुनाव आ रहे हैं? आप कहते हैं कि आपकी गिरफ्तारी होगी” तो बुनियादी संरचना (बेसिक स्ट्रक्चर) का उल्लंघन होगा? यह किस प्रकार की बुनियादी संरचना है?”

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