ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा पर रोक लगाने से हाइकोर्ट का इनकार
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बने व्यास जी के तहखाने में पूजा जिला न्यायालय के फैसले के बाद से पूजा-अर्चना शुरू करवाई गई थी। इस फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन मस्जिद कमेटी को बड़ा झटका लगा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूजा रुकवाने से इनकार कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को वाराणसी जिला जज के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें ‘व्यास जी के तहखाने’ (मस्जिद का दक्षिणी तहखाना) के अंदर ‘पूजा’ की अनुमति दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका में कोई दम नहीं है।
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी की अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश के खिलाफ यहां अपील की थी जिसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाना में पूजा अर्चना की अनुमति दी गई थी।
मसजिद कमेटी ने पहले सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। उसने मसजिद कमेटी से हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। इसके बाद मसजिद कमेटी ने 2 फरवरी को इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 15 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इसका मतलब है कि जो पूजा चल रही थी वह वैसे ही चलती रहेगी। अगर वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखेंगे।