ज्ञानवापी में पूजा के विरुद्ध दाख़िल याचिका पर,आज हाईकोर्ट सुना सकता है फैसला

ज्ञानवापी में पूजा के विरुद्ध दाख़िल याचिका पर,आज हाईकोर्ट सुना सकता है फैसला

ज्ञानवापी में पूजा के विरोध वाली याचिका पर सुनवाई पूरी, HC आज ही सुना सकता है फैसला। ज्ञानवापी मस्जिद स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा शुरू करने के वाराणसी जिला जज के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई।

सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व किया। शाम 4 बजे जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों को अपने चैम्बर में बुलाया है। कहा जा रहा है किसौर्ट आज ही अपना फैसला सुना सकता है।

हिंदू पक्ष की दलील-
कोर्ट में जज के समक्ष दलील पेश करते हुए वैद्यनाथन ने कहा कि ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में तहखाना स्थित है जहां पर हिंदू साल 1993 तक पूजा कर रहे थे। आगे उन्होंने ने कहा कि कोर्ट ने जब वाराणसी डीएम को रिसीवर नियुक्त किया तो उन्होंने कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया। वैद्यनाथन ने कहा कि वाराणसी जिला कोर्ट ने डीएम वाराणसी को रिसीवर नियुक्त किया और विधिवत पूजा की इजाजत दी।

मुस्लिम पक्ष की दलील-
मुस्लिम पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट सैयद फरमान अहमद नकवी ने कहा कि 151, 152 सीपीसी (CPC) को हिंदू पक्ष ने सही ढंग से नहीं पेश किया। उन्होंने दलील देते हुए कहा जिला जज के आदेश में बड़ी खामी है। उन्हें अपने विवेक का प्रयोग करना चाहिए था। व्यास परिवार ने अपने पूजा के अधिकार को काशी विश्वनाथ ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया था तो उन्हे अर्जी दाखिल करने का कोई हक नहीं था। नकवी ने कहा किसी भी तहखाना का कोई उल्लेख दस्तावेजों में नहीं है।

याचिका में मांग-
व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति मिलने के बाद ही श्रृंगार गौरी मामले में पक्षकार और विश्व वैदिक सनातन संघ की सदस्य राखी सिंह ने अपनी याचिका में ASI सर्वे वाली याचिका दायर की थी। ASI सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी में 8 तहखाने हैं। इनमें से एस-1 और एन-1 तहखाने का सर्वे नहीं हुआ है। इन दोनों तहखानों के भीतर एंट्री करने का जो रास्ता है, वह ईंट-पत्थर से बंद है

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