गुजरात MLA गिरफ्तार,राहुल ने PM पर साधा निशाना,घबरा गए शहंशाह
गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को असम पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तार कर लिया गया है। जिस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी की असम पुलिस द्वारा की गई गिरफ्ता को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार देते हुए गुरुवार को आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि शहंशाह घबरा गए हैं।
कांग्रेस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी की असम पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक करार देते हुए गुरुवार को आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि शहंशाह घबरा गए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया जिस में उन्होंने लिखा कि मोदी जी आप विरोध के स्वर को सरकारी मशीनरी का उपयोग कर कुचलने का प्रयास कर सकते हैं। लेकिन सच को कभी कैद नहीं कर सकते हैं। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा शहंशाह घबरा गये हैं। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी जी को असम की पुलिस रातों रात गिरफ्तर कर ले जाती है .इस घबराहट का इस छटपटाहट का संदेश भी है और चिह्न भी है।
उन्होंने सवाल किया क्या इस देश में अब साम्प्रदायिक सौहार्द की अपील करना और प्रधानमंत्री से धर्म के नाम पर लोगों को न लड़वाने की अपील करना अपराध है? क्या प्रधानमंत्री से यह उम्मीद करना अपराध है कि वह गुजरात आएंगे और महात्मा गांधी की धरती पर शांति की अपील करेंगे? ‘सुरजेवाला ने कहा साम्प्रदायिक सौहार्द्र, भाईचारे के लिए हमारी जंग जारी रहेगी.न मोदी जी इसे हरा सकते हैं, न देश की और कोई ताकत। उन्होंने कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी मेवानी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि असम पुलिस ने जिस अलोकतांत्रिक तरीके से गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को गिरफ्तार किया है वह संविधान विरोधी कदम है और उस जनता का अपमान है ,जिसने उन्हें चुना है। कांग्रेस कार्यकर्ता हर दमन के खिलाफ आवाज़ बुलंद करेगा।
‘उल्लेखनीय है कि असम पुलिस ने एक ट्वीट के सिलसिले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी को राज्य के पालनपुर शहर से बुधवार देर रात गिरफ्तार किया अधिकारियों ने गुरुवार को जानकारी दी कि मेवानी को बृहस्पतिवार की सुबह हवाई मार्ग से असम ले जाया गया। मेवानी के सहयोगी सुरेश जाट ने बताया कि गुजरात के प्रमुख दलित नेता मेवानी को भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा-153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया। यह प्राथमिकी असम के कोकराझार थाने में दर्ज कराई गई थी।