कांग्रेस प्रमुख नहीं बनना चाहते गहलोत, डर या कोई और वजह
सोनिया गाँधी और अशोक गहलोत की मुलाक़ात के बाद ही इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनकी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हो सकती है लेकिन कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत इस के लिए तैयार नहीं हैं.
कहा जा रहा है कि मंगलवार को अपने आवास पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात करते हुए सोनिया गांधी ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पार्टी की बागडोर संभालने में असक्षम होने की बात कहते हुए गहलोत से पार्टी की बागडोर संभालने का आग्रह किया.
20 सितम्बर तक कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव होना है और अभी तक किसी नाम पर मोहर नहीं लगी है कि देश कि इस सबसे पुराणी पार्टी की बागडोर कौन संभालेगा. गहलोत के नाम की चर्चा के बीच खुद अशोक गहलोत कह चुके हैं कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए.
कांग्रेस की कमान राहुल गाँधी को दिए जाने की वकालत करते हुए गहलोत ने हाल ही में कहा था कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस की बागडोर नहीं संभालते तो पार्टी में निराशा आएगी और कई लोग घर बैठ जाएंगे.
गहलोत पार्टी के वरिष्ठ नेता और गाँधी परिवार के भरोसेमदं है. कांग्रेस गहलोत को अध्यक्ष बनाकर एक तीर से दो निशाने लगाना चाहती है. पार्टी की सबसे बड़ी पोस्ट गहलोत को मिल जाएगी तो वह नाराज़ भी नहीं होंगे और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बन दिया जाएगा इस प्रकार राजस्थान भी हाथ से न जाए जहाँ अगले साल ही चुनाव होने हैं.
हाल ही के समय में राजस्थान सरकार विवादों में घिरी नज़र आ रही है. सचिन पायलट को कमान मिलती है तो पार्टी को नई जान मिलेगी. दूसरी ओर गहलोत गाँधी परिवार के वफादार हैं ऐसे में यह संभावना न कि बराबर है कि वह गाँधी परिवार के खिलाफ जाएंगे.
गहलोत कठिन समय में भी गाँधी परिवार के साथ रहे हैं. वह गांधी परिवार के काफी करीबी हैं और सोनिया-राहुल की बात को कभी नहीं काटते. ऐसे में गांधी परिवार पार्टी पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए अपने किसी करीबी को इस पद पर बैठाना चाहता है और अशोक गहलोत इन उम्मीदों पर खरे उतरते हैं.