मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह ने मोहम्मद मुइज्जू को ‘अड़ियल’ रवैया छोड़ने की सलाह दी
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने अपने उत्तराधिकारी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को ‘अड़ियल’ रवैया छोड़ने और वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिए पड़ोसियों के साथ बातचीत करने की सलाह दी। सोलिह ने यह टिप्पणी तब की जब कुछ दिन पहले चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने भारत से द्वीपीय देश को ऋण राहत देने का आग्रह किया था। मुइज्जू (45)ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में सोलिह (62) को हराया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, मुझे विश्वास है कि हमारे पड़ोसी मदद करेंगे। हमें अड़ियल रुख अपनाना बंद करना चाहिए और बातचीत करनी चाहिए। ऐसे कई पक्षकार हैं जो हमारी मदद कर सकते हैं। लेकिन वह (मुइज्जू) समझौता नहीं करना चाहते। मुझे लगता है कि वे (सरकार) अब स्थिति को समझने लगे हैं।’’
उन्होंने मालदीव में मानवीय और चिकित्सा निकासी के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन विमानन ठिकानों पर तैनात 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को 10 मई तक पूरी तरह से वापस बुलाने की मांग की है। 26 भारतीय सैन्य कर्मियों की पहली टीम पहले ही मालदीव छोड़ चुकी है और उनकी जगह गैर सैन्यकर्मियों ने ली है।
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार जनता को धोखा दे रही है और एमडीपी सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं को दोबारा शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री अब उस झूठ को छुपाने के लिए झूठ बोल रहे हैं। मुइज्जू ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान और उसके बाद भारत की आलोचना की थी और नवंबर में उनके पदभार संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं।
मुइज्जू ने अपने पहले मीडिया साक्षात्कार में दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है या ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आए। मालदीव समाचार पोर्टल एडिशन डॉट एमवी ने बृहस्पतिवार को एक खबर के मुताबिक मुइज्जू ने कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी बना रहेगा और इस बात पर जोर दिया कि इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है। मालदीव में 21 अप्रैल को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले मुइज्जू की भारत के प्रति सुलह समझौते वाली टिप्पणी आई है।