पूर्व CJI रंजन गोगोई को मिलेगा असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाने वाली पीठ के अध्यक्ष और पूर्व चीफ जस्टिस रहे रंजन गोगोई को असम सरकार ने असम वैभव अवार्ड के लिए चुना है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘इस बार असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को असम वैभव अवॉर्ड के लिए चुना है। सीएम ने कहा कि रंजन गोगोई को 10 फरवरी को असम का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया जाएगा। असम के राज्यपाल उन्हें राज्य नागरिक पुरस्कार प्रदान करेंगे।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। असम बैभव पुरस्कार राज्य का सर्वोच्च पुरस्कार है। सबसे पहले असम बैभव पुरस्कार रतन टाटा को दिया था। पिछले साल यह अवार्ड तपन सैकिया को दिया था।
बता दें कि रंजन गोगोई ने ही उस पीठ का नेतृत्व किया था जिसने दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे में फैसला सुनाया था। वह वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं और उन्हें मार्च 2020 में मनोनित किया गया था। ‘असम वैभव’ पुरस्कार में पांच लाख रुपये की नकद राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस साल हमने न्यायिक क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को ‘असम बैभव’ पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है। वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। गोगोई 2018-19 में प्रधान न्यायाधीश थे।
हिमंत बिस्वा सरमा ने उन प्रमुख हस्तियों के नाम भी बताए जिन्हें राज्य सरकार के दो अन्य प्रमुख पुरस्कार दिए जाएंगे। सीएम ने ‘असम सौरव’ पुरस्कार के लिए चार प्रमुख व्यक्तियों के नामों की घोषणा की, जिनमें तैराक एल्विस अली हजारिका और धाविका हिमा दास शामिल हैं। सांस्कृतिक विरासत प्रबंधन विशेषज्ञ किशन चंद नौरियाल और तिवा नर्तक नंदीराम देउरी इस श्रेणी के तहत पुरस्कार पाने वाले अन्य विजेताओं में शामिल हैं।