असम में बाढ़ से तबाही, कई राज्यों में लू का अलर्ट

असम में बाढ़ से तबाही, कई राज्यों में लू का अलर्ट

देश में मौसम ने जनता को हैरान और परेशान कर दिया है। कहीं भीषण गर्मी है तो कहीं बाढ़ की स्थिति का सामना है। मौसम विभाग ने देश की 11 राज्यों में हीट वेव का अलर्ट जारी किया है जबकि उत्तर-पूर्वी राज्य असम के कई जिलों में बाढ़ से हालात बेहाल हैं और अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरी ओर, खबर है कि छत्तीसगढ़ समेत 7 राज्यों में अगले 4 दिनों में मानसून पहुंच सकता है।

असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर
असम में बाढ़ की स्थिति दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। राज्य के 15 जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 1.61 लाख से अधिक हो गई है। बाढ़ के कारण बुधवार को 6 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 26 हो गई है। करीमगंज जिले के बदरपुर इलाके में भूस्खलन से 3 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत हो गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के अनुसार हेलाकांडी जिले में बाढ़ में बहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बाढ़ के कारण करीमगंज में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। यहां स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन जारी की जा रही रिपोर्ट के अनुसार बक्सा, बारपेटा, दरांग, धीमाजी, गोलपारा, करीमगंज, नागांव और नलबाड़ी जिलों में बाढ़ के कारण 1,05,700 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।

सूचना के अनुसार केवल करीमगंज में ही बाढ़ से लगभग 95,300 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद नागांव जिले में लगभग 5,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि धीमाजी में 3,600 लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। प्रशासन के अनुसार फिलहाल 470 गांव पानी में डूब चुके हैं और 11 जिलों में 13,786.4 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है।

कई राज्यों में आग बरस रही है
देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हीट वेव को लेकर लगातार अलर्ट जारी किया जा रहा है। इन राज्यों के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसी गर्मी पहले कभी नहीं देखी। रात में भी इन इलाकों में गर्मी रहती है। मौसम विभाग (आईएमडी) के वैज्ञानिक इसे ‘गर्म रातें’ कहते हैं जो गर्मी से प्रभावित क्षेत्रों में महसूस की जा रही हैं। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का कहना है कि दिन और रात के उच्च तापमान के संयोजन ने ऐसे हालात पैदा किए हैं जो शरीर पर गर्मी का अधिक दबाव डालते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनके पास एयर कंडीशनर या कूलर नहीं हैं। ठंडे पानी की अनुपलब्धता के कारण इस समस्या में और वृद्धि हो जाती है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि उत्तर-पश्चिमी भारत के आधे से अधिक हिस्से में पिछले 33 दिनों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक रहा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में 1951 के बाद से यह सबसे लंबे समय तक रहने वाला 40 डिग्री सेल्सियस तापमान है। गुजरात का लगभग आधा हिस्सा और उत्तर प्रदेश का एक तिहाई से अधिक हिस्सा भी 1951 के बाद से सबसे भयानक गर्मी का सामना कर रहा है।

अधिकतम तापमान का विश्लेषण बताता है कि उत्तरी मैदानी इलाकों में मौसम गर्म बना हुआ है। राजस्थान, हरियाणा, उत्तरी मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में एक भी दिन ऐसा नहीं देखा गया जब अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से कम रहा हो। इलाहाबाद (प्रयागराज) उत्तर प्रदेश में 18 मई से 31 मई के बीच हीट वेव के 6 दिन और इस महीने 17 जून तक ऐसे ही 14 दिन देखे गए। 28 मई को यहां अब तक का सबसे अधिक तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। आईएमडी के दैनिक हीट वेव के आंकड़ों के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मार्च 2024 से अब तक हीट वेव के 26 दिन दर्ज किए गए हैं जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 22 दिन दर्ज किए गए हैं। दिल्ली और हरियाणा में भी गर्म लहर के 23 दिन दर्ज किए गए हैं जिनमें से अधिकांश पिछले एक महीने में हुए हैं।

पंजाब में बठिंडा और हरियाणा में रोहतक औसत से अधिक गर्म स्थान रहे हैं। यहां के 75% इलाकों में 28 से 33 दिनों के लिए 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया। बाड़मेर राजस्थान में 90% इलाके में एक दिन भी 40 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान नहीं रहा और पिछले महीने अधिकतम तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

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