“कुछ खास व्यापारियों को बचाने के लिए “फिक्स्ड मैच” खेला जा रहा है: राहुल गांधी

“कुछ खास व्यापारियों को बचाने के लिए “फिक्स्ड मैच” खेला जा रहा है: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बार फिर ‘सेबी’ अध्यक्ष माधवी पुरी बुच पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े व्यापारियों को बचाने के लिए एक “फिक्स्ड मैच” खेला जा रहा है, जिसका खामियाजा आम निवेशकों को भुगतना पड़ रहा है।

राहुल गांधी ने सेबी पर आरोप लगाया कि वह निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा करने के बजाय अडानी ग्रुप जैसे बड़े व्यावसायिक समूहों की सुरक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब मैच फिक्स होता है तो हर कोई हारता है, लेकिन सबसे अधिक नुकसान आम निवेशकों का होता है।

‘बुच स्टॉप्स हेयर’ शीर्षक की पांचवीं कड़ी में उन्होंने निवेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण और बुनियादी सवाल उठाए हैं। चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि यह व्यवस्था खुदरा निवेशकों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रही है, जिसका एकमात्र उद्देश्य बड़े कॉर्पोरेट समूहों को फायदा पहुंचाना है।

राहुल गांधी ने कहा कि सेबी के तहत छोटे निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के बजाय उनके हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे छोटे निवेशकों, व्यापारियों और ईमानदार कारोबारियों का विश्वास इस संस्था पर से घट रहा है।

कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि यह सिर्फ वित्तीय कुप्रबंधन का मामला नहीं है, बल्कि इससे पूरे सिस्टम में विश्वास की कमी और लाखों भारतीयों के लिए अवसरों की कमी पैदा हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया गया तो इसके प्रभाव न केवल अर्थव्यवस्था पर बल्कि लोकतंत्र पर भी पड़ेगे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “आइए हम क्रोनी कैपिटलिज्म की वास्तविक कीमत का विश्लेषण करें, जो न केवल खोई हुई बचत के रूप में बल्कि लाखों मेहनती भारतीयों के विश्वास और अवसरों के खत्म होने के रूप में भी महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि अगर इसे नजरअंदाज किया गया और इसे रोकने की कोशिश नहीं की गई तो न केवल हमारी अर्थव्यवस्था बल्कि हमारी लोकतंत्र को भी अपूरणीय क्षति होगी।

उन्होंने आम भारतीयों से अपील की कि इस महत्वपूर्ण चर्चा में हमारे साथ शामिल हों क्योंकि हम सच्चाई को उजागर करते हैं और एक अधिक न्यायपूर्ण भारत की लड़ाई लड़ रहे हैं।

राहुल गांधी ने आश्चर्य जताते हुए कहा, “मुझे इस बात की हैरानी है कि वे लोग (सरकार के जिम्मेदार) अभी तक माधवी बुच से छुटकारा क्यों नहीं पा सके? और उनकी जगह किसी और की नियुक्ति क्यों नहीं की?” उन्होंने कहा कि अब यह बात सब जानते हैं कि माधवी बुच ने गलत किया है, इसके बावजूद सरकार में बैठे लोग उनसे जवाब मांगने के बजाय उनके बचाव में लगे हुए हैं।

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