प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ लेख लिखने पर संजय राउत पर एफ़आईआर
महाराष्ट्र के यवतमाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक लेख लिखने को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। राउत पर पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक लेख लिखने का आरोप लगा है।
अक्सर अपने बेबाक अंदाज और खुलकर बयानबाजी करने के लिए मशहूर शिवसेना सांसद (उद्धव गुट) संजय राउत मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक आर्टिकल लिखना संजय राउत के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बीजेपी नेता नितिन भुटाडा ने संजय राउत के खिलाफ यवतमाल के उमरखेड़ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है।
संजय राउत ने 10 दिसंबर को सामना अखबार में अपने आर्टिकल में प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री और उनकी सरकार चुनाव जीतने के लिए पाकिस्तान से शॉर्टकट करके देश में हमला भी करवा सकती हैं, उन्होंने सामना में लिखा था कि ‘फिर कोई पुलवामा होगा और पाकिस्तान से मिलकर फिर कोई बम डाला जाएगा , और देश खतरे में है कहकर मोदी राष्ट्र सुरक्षा के नाम पर वोट लेंगे।
संजय राउत लगातार बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर रहे हैं। वह पीएम मोदी की नीतियों के आलोचक रहे हैं। उनपर आरोप लगाते रहे हैं कि वह देश में लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। राउत विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से भी काफी मुखर आवाज़ उठाते रहे हैं। कुछ महीने पहले ही राउत ने सलाह दी थी कि अगर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ती हैं, तो वह निश्चित रूप से जीत हासिल करेंगी।
बता दें कि इसी साल मई में राउत पर महाराष्ट्र के नासिक में एफ़आईआर दर्ज की गई थी। राउत के बयान से पुलिस और जनता के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया गया था। मुक़दमा दर्ज होने के एक दिन बाद राउत ने प्रतिक्रिया में कहा था कि उन्होंने तो सिर्फ़ यह कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद यह सरकार गैरकानूनी है और ऐसे में अधिकारी सोच-समझकर सरकार के आदेश का पालन करें।
उन्होंने तब पूछा था कि मेरा अपराध क्या है? राउत ने कहा था, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार के गठन को अवैध घोषित कर दिया गया है। व्हिप से लेकर खेमे के नेता के रूप में शिंदे के चुनाव तक, सब कुछ संविधान के खिलाफ तय किया गया है। किसी भी समय सोलह विधायकों के अयोग्य होने की संभावना है। प्रशासन अवैध सरकार के आदेशों का पालन न करे।